Edited By Pardeep,Updated: 10 Aug, 2022 10:40 PM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना गगनयान से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बुधवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से ‘लो एल्टीट्यूड एस्केप मोटर' (एलईएम) के सफल परीक्षण के
नेशनल डेस्कः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना गगनयान से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बुधवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से ‘लो एल्टीट्यूड एस्केप मोटर' (एलईएम) के सफल परीक्षण के साथ पूरा हुआ। यह परीक्षण किसी आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने की प्रणाली से जुड़ा है।
इसरो ने एक बयान में कहा कि ‘क्रू एस्केप सिस्टम' किसी आपात स्थिति में गगनयान मिशन के ‘क्रू मॉड्यूल' को अलग कर देता है और इस तरह अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने का काम करता है। इसने कहा कि इस तरह के परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य मोटर बैलिस्टिक मानकों और अन्य महत्वपूर्ण चीजों को परखने का होता है।
आपको बता दें कि गगनयान मिशन के तहत 2022 के अंत तक भारत के अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। गगनयान मिशन के तहत भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर 2022 में 4 सदस्यीय दल को 5 से 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन में इस मिशन का ऐलान किया था। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस मिशन में पहले ही देरी हो चुकी है।
इसरो ने दिसंबर 2020 में पहली मानव रहित उड़ान, जुलाई 2021 में दूसरी और दिसंबर 2021 में पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन की योजना बनाई थी। हालांकि कोरोना महामारी के चलते इसरो की ये योजना प्रभावित हो गई और अब नए शेड्यूल के मुताबिक पहले दो मानव रहित उड़ानें होंगी। इन दोनों के सफल परीक्षण के बाद इसरो पहला मानव अंतरिक्ष यान भेजेगा।