Edited By vasudha,Updated: 29 Oct, 2020 09:56 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) एक बार फिर अंतरिद्वा में भारत की ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है। वह अगले महीने यानी की सात नवंबर को सैटेलाइट ''EOS-01'' (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) लॉन्च करने जा रहा है। इस सैटेलाइट की मदद से किसी भी मौसम में...
नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) एक बार फिर अंतरिक्ष में भारत की ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है। वह अगले महीने यानी की सात नवंबर को सैटेलाइट 'EOS-01' (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) लॉन्च करने जा रहा है। इस सैटेलाइट की मदद से किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रखी जा सकेगी।इसरो का ये इस साल का पहला रॉकेट लॉन्च मिशन है।
इस सैटेलाइट की खास बात ये होगी कि इसे PSLV-C49 रॉकेट (Rocket) से लॉन्च किया जाएगा। इसरो से मिली जानकारी के अनुसार वैज्ञानिक सैटेलाइट 'EOS-01' को 7 नवंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 3:02 मिनट पर लॉन्च करेंगे। एसएलवी सी49 लगभग नौ उपग्रहों (सैटेलाइट) के साथ उड़ान भरेगा। रॉकेट भारत के रिसैट-2बीआर2 और अन्य वाणिज्यिक उपग्रहों को ले जाएगा। इसके बाद दिसंबर में पीएसएलवी सी 50 और उसके करीब एक महीने बाद जीसैट- 12 आर को छोड़ा जाएगा।
ISRO ने 11 दिसंबर 2019 को रिसैट-2BR1 लॉन्च किया था। इसे PSLV-C48 की मदद से लॉन्च किया गया था। यह एक सर्विलांस सैटेलाइट था। वहीं, इस साल 17 जनवरी को Gsat-30 को यूरोपियन स्पेसपोर्ट, फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किया गया था।
जानिए सैटेलाइट EOS-01 की खासियत
- सैटेलाइट 'EOS-01', अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट की एक एडवांस्ड सीरीज है।
- इस सैटेलाइट की मदद से किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रखी जा सकेगी।
- इस सैटेलाइट में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) का इस्तेमाल किया गया है
- जो दुश्मन की किसी भी हरकत पर नजर रखने में कारगर साबित होगी।
- इस सैटेलाइट की मदद से बादलों के बीच भी पृथ्वी पर नजर रखी जा सकती है।
- इसके साथ ही सैटेलाइट का इस्तेमाल खेती, फॉरेस्ट्री और बाढ़ की स्थिति पर निगरानी रखने जैसे सिविल एप्लिकेशन के लिए भी किया जाएगा।