Edited By Seema Sharma,Updated: 21 May, 2019 12:18 PM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार को लांच व्हीकल पीएसएलवी-सी46 से पृथ्वी की निगरानी करने वाले रडार इमेजिंग उपग्रह आरआईएसएटी-2बी का प्रक्षेपण करेगा। इसरो ने बताया कि उपग्रह का प्रक्षेपण यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से बुधवार...
चेन्नईः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार को लांच व्हीकल पीएसएलवी-सी46 से पृथ्वी की निगरानी करने वाले रडार इमेजिंग उपग्रह आरआईएसएटी-2बी का प्रक्षेपण करेगा। इसरो ने बताया कि उपग्रह का प्रक्षेपण यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से बुधवार सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर फर्स्ट लांच पैड से किया जाएगा और फिर 300 किलोग्राम आरआईएसएटी-2बी को भूमध्यरेखा से 37 डिग्री के झुकाव के साथ पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा।
मिशन रेडीनेस रिव्यू कमेटी की बैठक के बाद लॉन्च ऑथोराइजेशन बोर्ड प्रक्षेपण के लिए मंजूरी देगा। प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती आज शुरू हो जाएगी और इस दौरान 44.4 मीटर लंबे लांच व्हीकल में प्रणोदक भरने का काम होगा। वहीं इसकी लॉन्चिंग से पहले इसरो चेयरमैन के. सिवन ने तिरुपति के तिरुमला मंदिर में जाकर पूजा की। दरअसल यह इसरो की परंपरा रही है कि सभी लॉन्च से पहले तिरुमला मंदिर जाकर भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है।
उपग्रह आरआईएसएटी-2बी की खासियत
- 300 किलोग्राम आरआईएसएटी-2बी इसरो के आरआईएसएटी कार्यक्रम का चौथा चरण है और इसका इस्तेमाल रणनीतिक निगरानी और आपदा प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
- यह उपग्रह हर मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है।
- यह उपग्रह एक सक्रिय एसएआर (सिंथेटिक अर्पचर रडार) से लैस है बादल छाए रहने या अंधेरे में ‘रेगुलर' रिमोट-सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग उपग्रह पृथ्वी पर छिपे वस्तुओं का पता नहीं लगा पाता है जबकि एक सक्रिय सेंसर ‘एसएआर' से लैस यह उपग्रह दिन हो या रात, बारिश या बादल छाए रहने के दौरान भी अंतरिक्ष से एक विशेष तरीके से पृथ्वी की निगरानी कर सकता है।
- सभी मौसम में काम करने वाले इस उपग्रह की यह विशेषता इसे सुरक्षा बलों और आपदा राहत एजेंसियों के लिए विशेष बनाता है।
- अंतरिक्ष से पृथ्वी की निगरानी क्षमता को और विकसित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी निकट भविष्य में कम से कम छह और ऐसे उपग्रहों का प्रक्षेपण करने की योजना बना रही है।