Edited By Pardeep,Updated: 29 Jul, 2021 11:10 PM
आयकर विभाग ने झारखंड के रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े एक प्रमुख समूह के परिसरों की तलाशी ली और 50 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी का पता लगाया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने झारखंड के रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े एक प्रमुख समूह के परिसरों की तलाशी ली और 50 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी का पता लगाया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि तलाशी समूह के रांची और कोलकाता स्थित 20 परिसरों की ली गई।
सीबीडीटी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि छापे के दौरान 50 लाख रुपए नकद बरामद किए गए जिसके स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा तीन लॉकर पर पाबंदी लगाई गई है। ‘‘शुरूआती सबूतों में पाया गया कि 50 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी की गई है।’’ बयान के अनुसार, ‘‘तलाशी के बाद जांच जारी है और कर चोरी का आंकड़ा काफी ऊपर जा सकता है।’’
छापे के दौरान कर अधिकारियों ने पाया कि समूह बही-खातों का सही तरीके से रखरखाव नहीं कर रहा था। तलाशी अभियान के दौरान मिले विवरण के अनुसार, यह देखा गया कि समूह मकान निर्माण कारोबार में बही-खातों से इतर भारी लेनदेन कर रहा है और बिक्री आय का एक बड़ा हिस्सा नकद में ले रहा है जिसका कोई हिसाब नहीं है। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘इस तरीके से सृजित आय को कारोबार में लगाया गया। इसके लिए फर्जी शेयर पूंजी और मुखौटा कंपनियों से असुरक्षित ऋण का सहारा लिया गया।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘कम-से-कम आठ मुखौटा कंपनियां शामिल हैं और और केवल कागज पर उपलब्ध इन ‘कंपनियों’ के निदेशक के रूप में रिश्तेदारों और उन व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था, जिनका कोई मतलब नहीं था।’’ सीबीडीटी ने कहा कि इन निदेशकों ने स्वीकार किया कि वे केवल नाम के निदेशक थे और जहां समूह कहता था, हस्ताक्षर कर देते थे।