प्रदूषित यमुना: अब तो बैक्टीरिया-वायरस के लिए भी अस्तित्व कायम रखना मुश्किल

Edited By vasudha,Updated: 26 Sep, 2019 10:52 AM

it is difficult for bacteria and viruses to survive in yamuna

वह छोड़ रही थी धीरे-धीरे अपना किनारा, सिकोड़ रही थी अपना जिस्म, किनारे के पत्थरों पर पानी के बने निशानों से ही, देखने वाले अनुमान कर रहे थे, अरे! कभी यहां तक था नदी का जल.... राजधानी में बहने वाली यमुना नदी की स्थिति कुछ ऐसी ही है...

नई दिल्ली (अंकुर शुक्ला): वह छोड़ रही थी धीरे-धीरे अपना किनारा, सिकोड़ रही थी अपना जिस्म, किनारे के पत्थरों पर पानी के बने निशानों से ही, देखने वाले अनुमान कर रहे थे, अरे! कभी यहां तक था नदी का जल.... राजधानी में बहने वाली यमुना नदी की स्थिति कुछ ऐसी ही है। कल तक अपने स्वच्छ और शीतल जल से लोगों की प्यास बुझाने वाली यमुना अब रोगदायीनी बन गई है। विशेषज्ञ इसको लेकर बेहद चिंतित महसूस कर रहे हैं। विशेषज्ञों को आशंका है कि गंगा-यमुना जैसी नदियों का जल किडनी फेल्योर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की बड़ी वजह है। यमुना के अंदर बढ़ते हुए प्रदूषण का स्तर नित्य नई चुनौतियां पेश कर रही हैं। विशेषज्ञ इसके पीछे सरकारी और सामाजिक उदासीनता को बड़ी वजह मानते हैं।

PunjabKesari

काफी जहरीला हो चुका है जल सफदरजंग 
सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी डॉ. जुगल किशोर के मुताबिक यमुना का जल रसायनिक प्रतिक्रिया से इस कदर जहरीला हो चुका है कि यहां अब बैक्टीरिया और वायरसों के पनपने की कल्पना भी नहीं जा सकती। उन्होंने एक पुरानी स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि यमुना के जल में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई थी। यह बैक्टीरिया इंसान की आंतों में पाए जाते हैं और शौच के जरिए बाहर आते हैं। नालों के जुड़ाव के कारण सीवरेज प्रक्रिया से होते हुए यह बैक्टीरिया यमुना के जल में पहुंचता है और वापस पानी के जरिए ही इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाता है। 

PunjabKesari

यमुना के जल में जहरीले रसायनों की है मौजूदगी 
प्रोफेसर जुगल के मुताबिक सरकार के पास यमुना के जल में मौजूद जहरीले रसायनों की जांच करने की क्षमता बेहद सीमित हैं। आमतौर पर कहें तो सरकार के लैबों में सिर्फ बैक्टीरिया, वायरस सहित चुनिंदा रसायनों की जांच सुविधाएं ही मौजूद हैं। जबकि, न्यूट्रिक एसिड की मात्रा कितनी मौजूद है यह पता करने में सरकारी लैब सक्षम नहीं हैं। इन दिनों कंप्यूटरीकरण के कारण कई रसायन जलीय प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। 

 

लुप्त हो रहे हैं जल को स्वच्छ रखने वाले कारक
डॉक्टर के मुताबिक किसी भी नदी में मौजूद जल को स्वच्छ रखने में उसके अंदर मौजूद जलीय जीव, जलीय पौधों की बड़ी भूमिका होती है लेकिन यमुना में रसायनिक तत्वों की भारी मात्रा में मौजूदगी से इनका असतित्व बेहद कम रह गए हैं। पानी की गुणवत्ता प्रभावित होने से उन्हें अपने अस्तित्व को कायम रखना मुश्किल हो गया है। इससे पानी और अधिक प्रदूषित हो रहा है। 

PunjabKesari

रेडियोधर्मी रसायनों की भी हो सकती है मौजूदगी
डॉ. जुगल किशोर ने आशंका जताई है यमुना के जल में न्यूक्लीयर केमिकल्स की मौजूदगी भी हो सकती है जो मानव स्वास्थ्य के साथ अन्य जीव जंतुओं के लिए भी घातक हो सकता है। वजह उन्होंने स्वास्थ्य जंाच के दौरान उपयोग किए जाने वाले इन केमिकल्स को ठहराया है।

 

किलोमीटर के दायरे को प्रभावित करती है जहरीली गैस 
विशेषज्ञ के मुताबिक जमुना के जल में मौजूद रसायनिक प्रतिक्रिया से सल्फर, हाईड्रोजन, नाइट्रोजन और मिथेन जैसे कई जहरीले गैस निकलते हैं। जो यमुना के दायरे में आने वाले 5 किलोमिटर क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। इन गैसों से सबसे अधिक जोखिम यमुना किनारे और उसके आसपास मौजूद आबादी को है। जो सांस से संबंधित बीमारियों, मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों और त्वचा से संबंधित बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इन गैसों का प्रभाव लोगों के घरों की दीवारों, कपड़ों और पेड़-पौधों पर देखा जा सकता है। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!