Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Oct, 2018 04:30 PM
चार राज्यों में इसी साल होने वाले विधानमसभा चुनावों के लिए रणभेरी बज चुकी है। वहीं चुनावों से पहली ही बसपा, सपा और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का साथ देने से पहले ही अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।
श्रीनगर: राज्य में शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) और पंचायत चुनाव से एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जनता से चुनाव में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव दिल्ली के लिए नहीं है बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों से मिलने वाली निधि की मदद से जमीनी-स्तर पर लोगों को मजबूत करने और स्थानीय मसलों के निवारण के लिए हैं। मलिक ने दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अनुच्छेद 35-ए को आधार बनाकर चुनावों का बहिष्कार करने वाले सभी दल आम जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
इंटरव्यू में ये बोले मलिक
- जब मुझे राज्यपाल नियुक्त करने की घोषणा के साथ ही उन्हें अपना पदभार संभालने का लेकर निर्देश दिया गया और मैंने तुरंत यहां पहुंचकर शपथ लेते ही यहां के हालातों के बारे में जानने और मामलों को सुलझाने की कोशिश शुरु कर दी।‘’
- राज्य के दो बड़े दलों नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा चुनावों का बहिष्कार करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
- मैंने सभी दलों के नेताओं से मुलाकात की और वह सभी चुनाव कराए जाने के पक्ष में थे।‘‘ एनसी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला को राजभवन में मिलने के लिए नहीं बुलाया बल्कि मैं स्वयं ही उनसे मुलाकात करने गया। वह भी चुनाव के पक्ष में थे। लेकिन, बाकी दलों ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं दी।‘‘
- मलिक ने कहा, एनसी और पीडीपी यह दावा कर रहे है कि वह अनुच्छेद 35-ए के विरोध में चुनाव का बहिष्कार कर रहे है जो सत्य नहीं हैं। दोनों ही दल विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं ताकि वे कह सके कि उन्होंने अनुच्छेद 35-ए के कारण यूएलबी और पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर बलिदान दिया था।
- मैंने विश्लेषण किया है कि कुछ नगर निगम वार्डों में उम्मीदवार के नहीं होने के कारण केवल 17 फीसदी मतदाता ही अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगें।