IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक CEO मार्क जुकरबर्क को लिखी चिट्ठी, लगाया भेदभाव का आरोप

Edited By Yaspal,Updated: 01 Sep, 2020 07:43 PM

it minister ravi shankar prasad wrote to facebook ceo mark zuckerburk

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के CEO मार्क ज़करबर्ग को चिट्ठी लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि फेसबुक इंडिया में कई बड़े अधिकारी प्रधानमंत्री और कई कैबिनेट मंत्रियों के प्रति अपशब्द कहते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा है...

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के CEO मार्क ज़करबर्ग को चिट्ठी लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि फेसबुक इंडिया में कई बड़े अधिकारी प्रधानमंत्री और कई कैबिनेट मंत्रियों के प्रति अपशब्द कहते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि 2019 मे लोकसभा चुनाव से पहले फेसबुक इंडिया मैनेजमेंट ने दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थकों के पेज डिलीट कर दिए थे या फिर उनकी पहुंच कम कर दी, जबकि फेसबुक को संतुलित और निष्पक्ष होना चाहिए था। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि रिपोर्ट है कि फेसबुक इंडिया टीम में कई वरिष्ठ अधिकारी एक विशेष राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हैं। रविशंकर प्रसाद ने चिट्ठी में लिखा है कि फेसबुक के संगठन में सत्ता संघर्ष चल रहा है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक को अपने उपयोगकर्ताओं के लिए न केवल निष्पक्ष और तटस्थ होना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए। चाहे वे किसी भी विचारधारा के मानने वाले क्यों न हों। रविशंकर प्रसाद के मुताबिक विश्वसनीय मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि फेसबुक इंडिया टीम के कई लोग एक खास विचारधारा को फॉलो करते हैं। इस विचारधारा के लोगों को देश की जनता दो बार आम चुनावों में पटखनी दे चुकी है। चुनावों में परास्त होने के बाद अब ये ताकतें सोशल मीडिया के जरिए देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं को बदनाम करने में लगी हुई हैं। अपने इस दुष्प्रचार के लिए इन ताकतों ने फेसबुक को नया हथियार बनाया है।
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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक के कई कर्मचारी ऑन रिकॉर्ड देश के प्रधानमंत्री और कई दूसरे वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ गालियां देते हैं। इनमें से कई लोग कंपनी में ऊंचे पदों पर बैठे हैं। वे ऐसी देशविरोधी पोस्टों को प्रमोट करते हैं। जिससे राष्ट्र का ताना- बाना कमजोर हो। यदि कंपनी में काम करने वाला दूसरा कर्मचारी अपनी विचारधारा लिखे तो उसे टारगेट किया जाता है। रविशंकर के अनुसार कंपनी के ऐसे अफसरों की सरपरस्ती में कई कट्टरपंथी लोगों ने समाज में अशांति फैलाने के लिए भड़काऊ पोस्ट लिखी और लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की।

कंपनी के अफसरों ऐसे लोगों के बारे में सब कुछ जानते थे। फिर भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक कंपनी में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों में विचारधारा को लेकर आपस में संघर्ष चल रहा है। कंपनी में बैठे एक खास विचारधारा के लोग चयनित तरीके से देश और सरकार के खिलाफ अफवाह और गलत जानकारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इस संघर्ष में देश के राष्ट्रवादी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक के साथ एक बड़ी समस्या है कि उसने फैक्ट चेकिंग का जिम्मा थर्ड पार्टी को दे रखा है। ऐसे में वह कोई भी अफवाह फैलाने वाली पोस्ट आने पर बड़ी आसानी से इसे थर्ड पार्टी का काम बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेता है। यहां तक कि कोविड- 19 को लेकर देश भर में भ्रम फैलाने वाली कई पोस्ट फैलाई गई। जिसे फेसबुक ने क्रॉस चेक नहीं किया।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक ने दुनिया के करोड़ों लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का एक मंच दिया है। लेकिन उसे ध्यान रखना होगा कि विचारों की अभिव्यक्ति और अफवाहों के प्रसार में बहुत अंतर है। इसलिए उसे अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए एक खास विचारधारा को प्रमोट करने और गलत जानकारियों को फैलाने से बचना चाहिए।

 

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