Edited By Tanuja,Updated: 24 Sep, 2018 10:39 AM
इटली की मिलान कोर्ट ने बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड सौदे मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. इ पिछले हफ्ते इस मामले पर विस्तृत फैसले के अनुसार इस डील में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी...
रोमः इटली की मिलान कोर्ट ने बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड सौदे मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. इ पिछले हफ्ते इस मामले पर विस्तृत फैसले के अनुसार इस डील में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उन्हें ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं, जिससे ये पता लगे कि अगस्ता हेलिकॉप्टर को भारत को बेचने में कोई गड़बड़ी हुई है।
बता दें कि इस मामले में फिनमेक्कानिका के पूर्व सीओओ अगस्ता वेस्टलैंड जिएसेपे ओर्सी और ब्रूनो स्पैग्नोलिनी का नाम शामिल था। अब कोर्ट ने 2010 में हुई इस डील में किसी भी गड़बड़ी होने से इंकार किया है। हालांकि, ये फैसला इटली की कंपनियों के लिहाज से है. इस मामले में भारतीय एजेंसियां भी जांच कर रही हैं, ऐसे में इस केस के फैसले का उस जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा।अभी हाल ही में इस डील के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल के भारत में प्रत्यर्पण किए जाने की खबरें लगातार आ रही थी। हालांकि, मिशेल ने कहा था कि कोर्ट का कोई ऑर्डर नहीं आया है इसलिए ऐसी खबरें पूरी तरह से निराधार हैं।
ये है मामला
VVII हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के बाद भारत की राजनीति में भूचाल आ गया था। जानकारी के अनुसार 53 करोड़ डॉलर का ठेका पाने के लिए कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को 100-125 करोड़ रुपए तक की रिश्वत दी थी। इटली कोर्ट के एत फैसले में पूर्व आईएएफ चीफ एस पी त्यागी का भी नाम सामने आया था। भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में किए गए 3 हजार 600 करोड़ रुपए के करार को जनवरी 2014 में भारत सरकार ने रद्द कर दिया था।
इस करार में 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा था। कमीशन के भुगतान की खबरें आने के बाद भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर सरकार ने फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी ।जिस वक्त करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी।