झाबुआ की आदिवासी महिलाएं बनीं ‘पैड वुमन’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 01:25 PM

jabua pad woman conscious of women

सैनिटरी पैड जागरुकता को लेकर अक्षय कुमार ने भले ही अब फिल्म बनाई हो पर मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले की बेहद कम पढ़ी-लिखी आदिवासी महिलाएं हजारों महिलाओं को रोगों से बचाने के लिए पिछले दो साल से ‘पैड वूमैन’ की भूमिका निभा रही हैं...

झाबुआ(वार्ता): सैनिटरी पैड जागरुकता को लेकर अक्षय कुमार ने भले ही अब फिल्म बनाई हो पर मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले की बेहद कम पढ़ी-लिखी आदिवासी महिलाएं हजारों महिलाओं को रोगों से बचाने के लिए पिछले दो साल से ‘पैड वुमन’ की भूमिका निभा रही हैं। जिले के एक छोटे से आदिवासी गांव आंबाखोदरा की दस आदिवासी महिलाएं सैनिटरी नैपकिन बनाने का स्वरोजगार कर रही हैं। इससे ये महिलाएं न केवल अपनी आजीविका चला रही हैं, बल्कि गांव की महिलाओं को शिक्षित करते हुए इनका उपयोग करना और रोगों से उन्हें दूर रखने के टिप्स भी दे रही हैं।

गांव की महिलाओं में बढ़ी जागरूकता
इन महिलाओं को एक स्वयंसेवी समूह आजीविका परियोजना संस्था ने यह काम सिखाया। इन महिलाओं को इस काम में उतरने के पहले ग्रामीणों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी। संस्था ने करीब साढ़े तीन लाख रुपए की लागत से महिलाओं को सामान और मशीन दिलाकर प्रशिक्षण दिया अब ये महिलाएं सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। ‘पैड वुमन’  बनी हेमलता और जमुना ने बताया कि इस काम से उन्हें हर महीने करीब एक हजार रुपए की आमदनी हो रही है और ग्रामीण महिलाओं को बीमारियां भी नहीं हो रहीं। गांव की महिलाओं के बीच भी अब सैनिटरी पैड को लेकर जागरुकता बढ़ रही है। 

आजीविका परियोजना के विमल राय ने बताया कि उनकी संस्था जिले भर में ऐसे 17 समूहों का संचालन कर रही है। इसमें लगभग 200 महिलाएं प्रशिक्षण लेकर काम कर रही है। अक्षय कुमार की इस विषय पर बनाई गई फिल्म पैडमैन के पहले देश भर में सैनिटरी पैड को लेकर जागरुकता आ रही है। आज प्रदर्शित हो रही यह फिल्म अरुणाचलम मुरुगनाथनम की बॉयोपिक है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे मुरुगनाथनम ने दुनिया भर का विरोध सहते हुए अपनी पत्नी के लिए सैनेटरी पैड बनाए।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!