Edited By Tanuja,Updated: 26 Sep, 2022 11:31 AM
संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर चीन को किया बेनकाब किया व पाकिस्तान को भी खऱी-खोटी...
इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर चीन को किया बेनकाब किया व पाकिस्तान को भी खऱी-खोटी सुनाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम लिए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में अड़ंगे को लेकर चीन को आडे़ हाथों लिया । दरअसल चीन अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर अक्सर आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में शामिल करवाने के भारत के प्रयास में टांग अड़ाता रहता है।
जयशंकर ने कहा, 'जो भी देश घोषित आतंकवादियों की रक्षा के लिए यूएनएससी 1267 प्रतिबंध शासन का राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं।' जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, "संयुक्त राष्ट्र अपराधियों पर प्रतिबंध लगाकर आतंकवाद का जवाब देता है। जो भी देश घोषित आतंकवादियों की रक्षा करने के लिए समय-समय पर यूएनएससी 1267 प्रतिबंध शासन का राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वास कीजिए, वे न तो अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और न ही वास्तव में देश की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाते हैं। हमारे विचार में आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। कोई भी टिप्पणी, चाहे वह किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती।''
जयशंकर ने कहा, "दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतने के बाद भारत 'जीरो टॉलरेंस' की नीति का वकालत करता है।" बता दें कि उन्होंने पाकिस्तान की तरह चीन का भी नाम नहीं लिया।यह पाकिस्तान और उसके सदाबहार सहयोगी चीन के खिलाफ परोक्ष रूप से जोरदार हमला था, जिसने कई मौकों पर भारत और उसके सहयोगियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 1267 प्रतिबंध के दायरे में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को लाये जाने के प्रस्तावों और कोशिशों को अवरुद्ध कर दिया। इस महीने भी चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए और भारत द्वारा सह-समर्थित एक प्रस्ताव पर रोक लगा दी। मीर 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले मामले में वांछित है।