Edited By vasudha,Updated: 24 Oct, 2018 02:23 PM
सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच छिड़ा घमासान थम नहीं रहा है। केंद्र सरकार ने इस मामले में दखल देते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को को छुट्टी पर भेज दिया है...
नेशनल डेस्क: सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच छिड़ा घमासान थम नहीं रहा है। केंद्र सरकार ने इस मामले में दखल देते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को को छुट्टी पर भेज दिया है। वहीं, बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेतली ने सीबीआई संकट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि ये मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और न ही सरकार इसकी जांच करेगी।
जेतली ने कहा कि भारतीय जांच प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के साथ उन पर आरोपों की जांच कराने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं। इस मामले में कौन दोषी है और कौन नहीं, यह अभी नहीं कहा जा सकता है। सीबीआई भी इस मामले की जांच नहीं कर सकती है और इसलिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग की निगरानी में एसआईटी से पूरे मामले की जांच करायी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सीबीआई में जो कुछ भी हुआ है उसे लेकर विपक्ष के रवैये से भारतीय जांच एजेंसियों की गुणवत्ता एवं उच्च मानकों को लेकर गहरे संदेह पैदा हो गये थे। सरकार इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि किसी भी दशा में भारतीय जांच प्रक्रिया उपहास का पात्र ना बने और उसकी विश्वसनीयता बरकरार रहे।
जेतली ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि सभी आरोप निराधार हैं। हम यह अनुमान नहीं लगाएंगे कि कौन दोषी है, कौन नहीं है। यह कानून का काम है। लिहाजा, सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने का कोई आधार नहीं है। बता दें कि सरकार ने कल देर रात जारी एक आदेश में सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से एजेंसी अंतिरम निदेशक नियुक्त कर दिया है।