जेटली के ट्वीट पर छत्तीसगढ़ में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

Edited By Yaspal,Updated: 11 Feb, 2019 11:30 PM

jaitley s tweet on chhattisgarh charges

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस और माओवादियों के बीच संबंध के बारे में किए गए ट्वीट को लेकर छत्तीसगढ़ में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जेटली ने छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए...

रायपुरः केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस और माओवादियों के बीच संबंध के बारे में किए गए ट्वीट को लेकर छत्तीसगढ़ में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जेटली ने छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर रविवार को ट्वीट करके कांग्रेस को घेरने की कोशिश की थी। जेटली ने अपने ट्वीट में राज्य की बड़ी समस्या नक्सलवाद को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, “छत्तीसगढ़ के हालिया चुनाव में कांग्रेस ने माओवादियों का सहयोग लिया। राहुल गांधी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में टुकड़े-टुकड़े गिरोह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे। वहीं अदालत में शहरी नक्सलियों का बचाव करने में कांग्रेस सबसे आगे थी।’’  जेटली के इस ट्वीट के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब में ट्वीट किया, “ब्लॉग मंत्री जेटली जी। झीरम का नाम तो सुना ही होगा। 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों के सहयोग से हुई ‘सुपारी किलिंग’ क्या भूल गए आप।’’  उन्होंने कहा, ”हमारे सभी नेताओं का नाम पूछ-पूछ कर नक्सलियों ने उन्हें मारा था। महेंद्र भैया, नंदू भैया, विद्या भैया सहित 31 कांग्रेस नेता शहीद हुए थे।’’ 


बघेल ने कहा, “आप हम पर नक्सलियों के साथ गठजोड़ का निहायत ही बेतुका और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस का गठजोड़ छत्तीसगढ़ के किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं के साथ है।’’  उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की महान जनता और लोकतंत्र का तो अपमान न करें साहब।’’  इसके बाद भाजपा की प्रदेश इकाई ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला और ट्वीट किया कि कांग्रेस का “हाथ” नक्सलियों, देशद्रोहियों के साथ है। अक्सर शहरी नक्सलियों के साथ कांग्रेसी नेताओं के संबंध उजागर होते हैं। जवानों पर गोलियां दागने वाले नक्सली उन्हें ‘क्रांतिकारी’ नकार आते हैं।

 


भाजपा ने कहा कि उन्हें शर्म भी नहीं आती जो सच छुपाने के लिए झीरम के मृतकों पर राजनीति करने लगते हैं।  उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सली लगातार घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। राज्य गठन के बाद से यहां के राजनीतिक दलों ने अपने कई कार्यकर्ताओं को इन नक्सली घटनाओं में खोया है। नक्सलियों ने 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले 25 मई को झीरम घाटी में कांग्रेस के काफिले पर हमला किया था। इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला समेत 31 लोगों की मौत हुई थी। 

 

 

 

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