Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Mar, 2019 01:28 PM
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजस्थान के सीकर संसदीय क्षेत्र से दो बार चुनावी सभा की और दोनों बार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष डा. बलराम जाखड़ चुनाव हार गए। वाजपेयी लोकसभा चुनाव के समय सीकर में चुनाव सभा करने के लिए दो बार आए
सीकर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजस्थान के सीकर संसदीय क्षेत्र से दो बार चुनावी सभा की और दोनों बार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष डा. बलराम जाखड़ चुनाव हार गए। वाजपेयी लोकसभा चुनाव के समय सीकर में चुनाव सभा करने के लिए दो बार आए और दोनों बार कांग्रेस के कद्दावर नेता जाखड़ उनका निशाना बने। वह पहली बार वर्ष 1989 में संयुक्त विपक्ष के नेता चौधरी देवीलाल के समर्थन में सीकर के रामलीला मैदान में चुनाव सभा की। उस समय देवीलाल ने जाखड़ के सामने चुनाव लड़ा और उन्होंने वाजपेयी की सभा कराकर चुनाव जीत लिया। उस समय जीजा-साला की चुनावी जंग का अखाड़ा बना सीकर हरियाणा-पंजाब के दो दिग्गज जाट नेताओं की चुनावी कुश्ती को देखा जिसमें देवीलाल ने जाखड़) को हरा दिया।
चुनाव प्रचार में वाजपेयी की करिश्माई वाणी ने जनता के दिल और दिमाग पर असर डाला वहीं चौधरी देवीलाल का ‘‘ताऊ पूरा तोलेगा, लाल किले से बोलेगा’’ का नारा बुलंदी पर था। वाजपेयी दूसरी बार वर्ष 1999 में सीकर में चुनाव सभा की और उस समय भी कांग्रेस प्रत्याशी डा. जाखड़ ही थे। आईटीआई मैदान में 30 अगस्त को हुई वाजपेयी की जनसभा को देश-प्रदेश की राजनीति में लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा, जिसमें उन्होंने ओबीसी में जाटों को शामिल करने का वायदा किया और बाद में पूरा भी हुआ। वाजपेयी के इसी वायदे के कारण डॉ. जाखड़ उनके सामने काफी कमजोर माने जाने वाले भाजपा प्रत्याशी सुभाष महरिया से चुनाव हार गए। इसके बाद महरिया को वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनाया गया। हालांकि महरिया आज कांग्रेस में हैं।