Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jan, 2022 11:59 AM
तमिलनाडु में पोंगल पर जल्लीकट्टू का आयोजन हुआ। कोरोना पाबंदियों के साथ इस पारंपरिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तमिलनाडु सरकार ने इसके लिए SOP जारी किया था जिसके तहत जितनी बैठने की क्षमता होगी उसके 50 प्रतिशत को ही महोत्सव में शामिल होने की इजाजत...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु में पोंगल पर जल्लीकट्टू का आयोजन हुआ। कोरोना पाबंदियों के साथ इस पारंपरिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तमिलनाडु सरकार ने इसके लिए SOP जारी किया था जिसके तहत जितनी बैठने की क्षमता होगी उसके 50 प्रतिशत को ही महोत्सव में शामिल होने की इजाजत है। इसी के सथ ही गाइडलाइन में सरकार ने खेल के दौरान 150 दशकों की ही अनुमति दी है। महोत्सव में शामिल होने वालों के लिए वैक्सान की दोनों डोज लेना या फिर RT PCR टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
RT PCR टेस्ट रिपोर्ट 48 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। बता दें कि जलीकट्टू पर बैलों की सिंगों पर सिक्कों की थैली को बांध दिया जाता है और फिर उनको भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है। ताकि लोग बैलों को पकड़कर सिक्कों की थैली ले सकें। जो व्यक्ति बैल पर काबू पा लेता है, उसको इनाम दिया जाता है। इस खेल पर काफी विवाद हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन लोगों की नाराजगी को देखते हुए और फिर अपील करने पर कोर्ट ने जल्लीकट्टू की अनुमति दे दी थी।