जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने संविधान के साथ खिलवाड़ किया : कांग्रेस

Edited By shukdev,Updated: 22 Nov, 2018 05:31 PM

jammu and kashmir s governor messed up with the constitution congress

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने को लेकर गुरुवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय पर निशाना साधा। कांग्रेस ने इसे देश के संविधान के साथ खिलवाड़ बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता...

जयपुर: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने को लेकर गुरुवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय पर निशाना साधा। कांग्रेस ने इसे देश के संविधान के साथ खिलवाड़ बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा,‘जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल ने जिस तरह के असंवैधानिक अनैतिक और अनुचित कार्य को अंजाम दिया है हम उसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।’ उन्होंने कहा,‘राज्यपाल ने भारत के संविधान के साथ खिलवाड़ किया है। यह सीधा-सीधा प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर हुआ है।’

उल्लेखनीय है कि पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस में गठबंधन बनने की अटकलों के बीच राज्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर की विधानसभा बुधवार को भंग कर दी। राज्य में पीडीपी व भाजपा गठबंधन टूटने के बाद राज्यपाल शासन लागू है जिसकी छह महीने की अवधि 19 दिसंबर को पूरी हो रही है। तिवारी ने कहा,‘हम जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से पूछना चाहते हैं कि छह महीने पहले जब पीडीपी व भाजपा गठबंधन की सरकार थी तब भाजपा ने अपना समर्थन वापस लिया उस समय विधानसभा क्यों नहीं भंग की गई?’

तिवारी के अनुसार भाजपा ने पिछले पांच-छह महीन में विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों को तोडऩे व लुभाने की पूरी कोशिश की लेकिन उसका यह षडयंत्र पूरी तरह विफल रहा। यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा को कोई राजनीतिक दल, कोई विधायक समर्थन देने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से लोकप्रिय सरकार बनाने की पहल की। 

पीडीपी, नेशनल कांफ्रेस व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साथ आने का फैसला लिया। इसकी सूचना जैसे ही राज्यपाल को दी गई उन्होंने आनन फानन में छह महीने से निलंबित विधानसभा को भंग कर दिया। उन्होंने कहा,‘ये भारतीय जनता पार्टी और इस देश के हुक्मरानों की मानसिकता का प्रतीक है कि अगर साम-दाम-दंड-भेद से भी हमारी सरकार बनती हो तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे चलने दिया जाए। लेकिन किसी और दल की सरकार बनती हो तो राज्यपाल के पद का दुरुपयोग करके लोकतंत्र का गला घोंट दिया जाए।’

तिवारी ने भाजपा के एक नेता द्वारा कांग्रेस को राष्ट्रविरोधी बताए जाने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘आप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं। मैं भाजपा को चुनौती देना चाहता हूं कि आप अपने राजनीतिक दल से एक ऐसा कद्दावर नेता गिना दीजिए जो आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद हुआ हो। मैं कांग्रेस की तरफ से आपको पांच सौ लोग गिनाने को तैयार हूं।’उन्होंने कहा कि जो यह दावा कर रहे हैं कि गठबंधन बनाने का यह षड्यंत्र पाकिस्तान में रचा गया है तो वह या तो इसे प्रमाणित करें या सार्वजनिक तौर पर इस देश से माफी मांगे।

राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तिवारी ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ है। नोटबंदी व जीएसटी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी से बड़ा भ्रष्टाचार इस देश में कभी नहीं हुआ और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के बजाय प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष की ओर से असंवेदनशील बयान आते हैं। राम मंदिर के मुद्दे पर तिवारी ने कहा कि जिस भाजपा ने जयपुर शहर में सौ मंदिर तोड़े वह राम मंदिर की बात करती है। उन्होंने कहा,‘राम भगवान से, राम मंदिर से भाजपा का दूर-दूर से कोई लेना देना नहीं है। वे सिर्फ वोट बटोरने के लिए इसे भुनाना चाहते हैं।’
 

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