Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Apr, 2021 02:53 PM
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां कहा कि फिल्मकारों को आकर्षित करने और फिल्म निर्माण में जम्मू-कश्मीर के स्वर्ण युग को वापस लाने के लिए केंद्रशासित प्रदेश जल्द ही एक नई नीति लेकर आएगा।
श्रीनगर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां कहा कि फिल्मकारों को आकर्षित करने और फिल्म निर्माण में जम्मू-कश्मीर के स्वर्ण युग को वापस लाने के लिए केंद्रशासित प्रदेश जल्द ही एक नई नीति लेकर आएगा। यहां डल झील के तट पर एसकेआईसीसी में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित कश्मीर की पर्यटन क्षमता का दोहन- स्वर्ग में एक और दिन' पर सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि मुंबई के फिल्म जगत के लिए 1960-1970 के दशक में कश्मीर के विभिन्न पर्यटन स्थल पसंदीदा स्थान होते थे।
सिन्हा ने कहा, "आगामी एक हफ्ते या 10 दिन में, रुपहले पर्दे पर कश्मीर के स्वर्ण युग को वापस लाने के लिए जम्मू-कश्मीर का केंद्रशासित प्रशासन एक नई फिल्म नीति लेकर आएगा।" उन्होंने कहा कि सम्मलेन में जिन मुद्दों पर चर्चा की जा रही है, वे उसे हासिल करने के लिए रूपरेखा के तौर पर काम करेंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऐसे कई कई स्थल हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, लेकिन उनका प्रशासन उन स्थानों को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए कदम उठा रहा है।
सिन्हा ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद, पिछले साल दिसंबर से कश्मीर में बड़ी संख्या में घरेलू सैलानी आए, जिससे रोजगार के मौके बढ़े और बेरोजगारी कम हुई। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम की कोशिश केंद्रशासित प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की है।
उन्होंने कहा, "हमने जनवरी 2020 और जनवरी 2021 के बीच बहुत अंतर देखा है। सैलानियों की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है।" पटेल ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के बाद कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा हुआ है।