Edited By Anil dev,Updated: 08 Mar, 2019 04:29 PM
जम्मू में एक बस स्टैंड पर कथित रूप से हथगोला फेंकने वाले किशोर की आयु 16 वर्ष से कम है। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। उसने पूछताछ कर्ताओं को बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के एक आतंकवादी ने उसे ऐसा करने के लिए 50 हजार रुपए दिए थे। अधिकारियों ने...
जम्मू: जम्मू में एक बस स्टैंड पर कथित रूप से हथगोला फेंकने वाले किशोर की आयु 16 वर्ष से कम है। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। उसने पूछताछ कर्ताओं को बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के एक आतंकवादी ने उसे ऐसा करने के लिए 50 हजार रुपए दिए थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। इससे यह संकेत मिलता है कि आतंकवादी समूहों ने जम्मू-कश्मीर में लोगों के बीच खौफ पैदा करने के लिए फिर से कम उम्र के लड़कों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
इस घटना में दो लोगों की हुई थी मौत
इसी महीने की 12 तारीख को 16 साल के होने जा रहे इस किशोर को बृहस्पतिवार को बस स्टैंड पर हथगोला फेंकने के बाद भागते समय पकड़ लिया गया था। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और 31 लोग घायल हैं। अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान किशोर ने पुलिस को बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ने उसे हथगोला फेंकने के लिये 50 हजार रुपए दिए थे।
अपने तीन भाई-बहनो में सबसे बड़ा है किशोर
अधिकारियों ने कहा कि उसके आधार कार्ड और स्कूल रिकॉर्ड समेत पहचान से जुड़े अन्य दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि 12 मार्च 2003 बताई गई है। जांचकर्ताओं के अनुसार, कुलगाम जिले के स्वघोषित हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख फैयाज ने जम्मू में किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह पर हथगोला फेंकने का काम संगठन के भूमिगत कार्यकर्ता मुजम्मिल को दिया था। मुजम्मिल ने इससे इनकार कर दिया। उसने हथगोला फेंकने का काम छोटू (सांकेतिक नाम) को देने का निर्देश दिया। किशोर अपने तीन भाई-बहनो में सबसे बड़ा है। वह नौवीं कक्षा में पढ़ता है तथा उसके पिता पेंटर हैं।