Edited By vasudha,Updated: 06 Dec, 2020 12:24 PM
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सतत विकास के लिए समावेशी और जन-केंद्रित नीतियां बनाने के मकसद से शनिवार को चार‘पी''मंत्र सुझाये। सिन्हा ने आईआईटी 2020 ग्लोबल समिट में अपने वक्तव्य में शनिवार को कहा कि हम महामारी के बाद की दुनिया में अपने...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सतत विकास के लिए समावेशी और जन-केंद्रित नीतियां बनाने के मकसद से शनिवार को चार‘पी'मंत्र सुझाये। सिन्हा ने आईआईटी 2020 ग्लोबल समिट में अपने वक्तव्य में शनिवार को कहा कि हम महामारी के बाद की दुनिया में अपने व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए नई राह, नई नीतियां और नए तकनीकी साधन तैयार कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन: दिलजीत दोसांझ ने किसानों को दिए 1 करोड़ रुपये, बोले- आपने एक बार फिर रचा इतिहास
उपराज्यपाल ने आने वाले समय के लिए चार‘पी'मंत्र सुझाते हुए कहा कि हमारे पास परस्पर विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए चार मंत्र हैं। ये चार मंत्र हैं-‘पीस'(शांति),‘प्रोग्रेस'(प्रगति),‘प्रॉसपेरिटी'(समृद्धि) और‘पीपल फस्टर्'(लोक हित सर्वोपरि)। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में आईआईटी और आईआईटी के छात्र एक बार फिर से अपनी क्षमता दिखाते हुए नयी तकनीक और उपाय लेकर सामने आए हैं।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी करेंगें नये संसद भवन का भूमि पूजन, आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण पेश करेगी यह इमारत
सिन्हा ने कहा कि युवा आबादी उद्यमी बनने के लिए तैयार है और‘आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर'के लिए अपना योगदान दे रही है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास एक अनुकूल वातावरण है। एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली और नए व्यवसाय और सेवाओं को स्थापित करने के लिए नवीन विचारों से लैस प्रतिभाशाली युवा पुरुष और महिलाएं हैं।