टल गया सूरत जैसा बड़ा हादसा: गार्ड नहीं जागता तो छात्राएं नहीं बचतीं

Edited By Anil dev,Updated: 30 May, 2019 12:58 PM

janakpuri kaveri hostel medical fire brigade

जनकपुरी के कावेरी हॉस्टल में तैनात गार्ड ने समय रहते इलेक्ट्रिक पैनल से चिंगारियां निकलता हुआ देख अगर शोर न मचाया होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। उसके शोर मचाने पर ही हॉस्टल में मौजूद कर्मचारी और छात्राओं की नींद खुल गई। इसके साथ ही आग की सूचना समय...

नई दिल्ली: जनकपुरी के कावेरी हॉस्टल में तैनात गार्ड ने समय रहते इलेक्ट्रिक पैनल से चिंगारियां निकलता हुआ देख अगर शोर न मचाया होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। उसके शोर मचाने पर ही हॉस्टल में मौजूद कर्मचारी और छात्राओं की नींद खुल गई। इसके साथ ही आग की सूचना समय पर फायर ब्रिगेड को पहुंचा दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची टीम ने धुएं में फंसी छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। 

धुआं सीढ़ी और दरवाजे से कमरों में प्रवेश करने लगा
हॉस्टल की प्रभारी किरण धर्माधिकारी ने बताया कि रात के समय दो गार्ड के अलावा दो कर्मचारी होते हैं। बुधवार तड़के भी ये सभी लोग वहां थे। तड़के करीब 3.05 में हॉस्टल में तैनात गार्ड ने इलेक्ट्रिक पैनल से चिंगारी के साथ धुआं निकलता देखा। गार्ड ने ही शोर मचाकर हॉस्टल के कर्मचारी और छात्राओं को जगाया। पर जब तक छात्राएं जगती तब तक चिंगारियां आग की लपटों में बदलने के साथ ही उसमें से काला धुआं निकलना शुरू हो गया। धुआं सीढ़ी और दरवाजे से कमरों में प्रवेश करने लगा। इससे पूरे हॉस्टल में छात्राओं की चीखपुकार शुरू हो गई। इसी दौरान कुछ छात्राएं पहली मंजिल पर बने कमरे की खिड़की खोल उससे लगे छज्जे पर चढ़ करीब सात फीट ऊंचे गार्ड रूम के ऊपर पहुंच गए, जहां से हॉस्टल के गार्ड और कर्मचारी ने एक-एक कर उन्हें उतारना शुरू कर दिया।

आंख खुली तो कमरे में चारों ओर फैला था धुआं
वेरी हॉस्टल में रहकर मेडिकल की कोचिंग कर रही छात्रा श्रेया ने बताया कि सुबह करीब तीन बजे वह गहरी नींद में थी। तभी उन्हें एक साथी ने झकझोर कर जगाया। आंख खुलने पर उसने पाया कि चारों ओर धुआं फैला है। वह तुरंत बेड से उठी और दरवाजा खोल बाहर निकलीं पर बाहर काला धुआं फैला था। जब दरवाजे पर पहुंची तो वह बंद मिला। इसी दौरान कुछ और छात्राएं कमरे से निकलीं पर धुआं देख वो वापस कमरे में जाकर अपने को बंद कर लिया। इधर श्रेया किसी प्रकार सीढ़ी के माध्यम से पहली मंजिल पर पहुंची और जिस कमरे से छात्राएं नीचे उतर रही थी, उन्हीं के साथ वह नीचे आ गई। तब तक धुआं के कारण उसकी तबियत बिगड़ गई थी। 

करीब 30 मिनट चला रेस्क्यू ऑपरेशन
धवार तड़के करीब 3.05 बजे जैसे ही हॉस्टल में आग लगी, वहां चीख पुकार मच गई। इधर आग की सूचना मिलते ही पूरा इलाका पुलिस, फायर ब्रिगेड व कैट्स एंबुलेंस सायरन गूंजने लगा। इधर आसपास के लोग भी वहां जुट गए। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी देर रात को मौके पर पहुंच गए। करीब 30 मिनट चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तड़के ही क्राइम टीम को बुलाकर वहां से सक्ष्य जुटाए गए। दिन में एफएसएल की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। बाद में इमारत को सील कर दिया गया।

फोन जमा कर लेता है होस्टल प्रबंधन 
स्टल में रहने वाली छात्राओं ने आरोप लगाया है कि माता-पिता ने उन्हें परिवार से बातचीत करने के लिए मोबाइल फोन दिया हुआ है, लेकिन होस्टल प्रशासन मोबाइल फोन को अपने पास जमा करवा लेता है। दिन में एक बार फोन पर अपने परिवार से बातचीत करने की अनुमति होती है। वहीं मामले पर कोचिंग सेंटर प्रशासन का कहना है कि फोन जमा करवाने के पीछे पढ़ाई ही कारण है। यदि लड़कियों को मोबाइल दे दिया जाता है तो वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल में लगा देती है। ऐसे में उनके बेहतर रिजल्ट के लिए ही फोन को जमा कराया जाता है।

दरवाजा तोड़ फायर ब्रिगेड ने बेसमेंट में किया रेस्क्यू
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 4 गाडिय़ों के साथ करीब दर्जनभर फायरकर्मी और सात कैट्स एंबुलेंस वहां पहुंच गईं। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाने के साथ ही ग्राउंड फ्लोर व बेसमेंट के कमरों के दरवाजे तोड़ उसमें फंसी करीब 20 से अधिक छात्राओं सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस दौरान छह छात्राएं धुआं की चपेट में आ गई, जिसे तत्काल पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां दो को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया, वहीं श्रेया, मोक्षा, कनिका और गरिमा नामक चार को ऑब्जरवेशन में रखा हुआ है। उनकी स्थिती सामान्य बताई जा रही है। 

अवैध रूप से थी बेसमेंट में रहने की व्यवस्था
आग बुझने के बाद फायर ब्रिगेड व डिजास्टर मैनेजमेंट की जांच में पाया गया है कि होस्टल में अवैध रूप से बेसमेंट में छात्राओं के रहने की व्यवस्था की गई थी। जबकि नियमानुसार घर के बेसमेंट का किसी भी प्रकार का व्यवसायिक उपयोग या आवासीय उपयोग में नहीं लिया जा सकता है। एक साथ बने इन दो कोठियों में से हर एक में 60 से 70 छात्राओं के रहने की व्यवस्था है। इसमें जिस कोठी में आग लगी थी, उसमें वर्तमान में 51 छात्राएं रह रही थी। इसमें से करीब 15 छात्राओं के रहने की व्यवस्था बेसमेंट में बने कमरों में की गई थी। 

दो दिन पूर्व ही पुलिस ने की थी बैठक
सूरत हादसे को देखते हुए दिल्ली फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस ने दो दिन पहले इलाके के होस्टल संचालकों और उनकी टीम के साथ बैठक की थी। इसमें पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने उन्हें आग जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए उन्हें एक सर्कुलर दिया था और जरूरी सुरक्षा उपाय लादू करने के आदेश दिए थे। कावेरी होस्टल की प्रभारी किरण धर्माधिकारी ने बताया कि दिए गए सर्कुलर के अनुसार बुधवार को ही फायर ब्रिगेड की एक टीम होस्टल में मॉक ड्रील के लिए आने वाली थी, जिसमें छात्राओं को आग लगने की स्थिति में सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण दिया जाना था। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!