'बलात्कारियों से चाहिए आजादी' नारों से गूंज उठा जंतर-मंतर

Edited By vasudha,Updated: 04 Dec, 2019 09:44 AM

jantar mantar echoed with freedom from rapists slogans

मंगलवार को जंतर-मंतर ‘बलात्कारियों से चाहिए आजादी’ के नारों से गूंज उठा। ढफली की ताल पर युवक-युवतियां जोर-जोर से नारे लगाते दिखते। सभी की सिर्फ एक ही मांग थी कि हैदराबाद में हुई जघन्य अपराध की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को सजा-ए-मौत दी जाए...

नई दिल्ली (अनामिका सिंह): मंगलवार को जंतर-मंतर ‘बलात्कारियों से चाहिए आजादी’ के नारों से गूंज उठा। ढफली की ताल पर युवक-युवतियां जोर-जोर से नारे लगाते दिखते। सभी की सिर्फ एक ही मांग थी कि हैदराबाद में हुई जघन्य अपराध की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को सजा-ए-मौत दी जाए। बता दें कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मंगलवार सुबह करीब 10 बजे राजघाट पहुंचकर सबसे पहले महात्मा गांधी से आशीर्वाद लिया और उसके बाद अपने समर्थकों के साथ जंतर-मंतर आईं और विरोध स्वरूप आमरण अनशन की शुरुआत कर दी। इस दौरान उन्हें समर्थन देने के लिए सैकड़ों की संख्या में युवा भी पहुंचे और जबरदस्त नारेबाजी करते हुए डॉ. रेड्डी के लिए न्याय की अपील व सशक्त कानून बनाए जाने की मांग की। स्वाति मालीवाल से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बलात्कारियों के खिलाफ एक सशक्त कानून का बनाया जाना बेहद जरूरी है और जब तक फांसी का प्रावधान नहीं होगा तब तक वो अपना आमरण अनशन जारी रखेंगी। 

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मालीवाल ने कहा कि अगर कानून सशक्त होता तो राजस्थान में 6 साल की बच्ची के साथ रेप व हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ दर्दनाक घटना नहीं घटती। स्वाति का कहना था कि जब अप्रैल 2018 को उन्होंने 10 दिन अनशन किया था तो केंद्र सरकार ने नाबालिगों के साथ बलात्कार करने वालों को 6 माह के भीतर फांसी की सजा देने का कानून बनाया तो था लेकिन यह कानून अभी तक लागू नहीं किया गया है। बलात्कारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इस दौरान आयोग की सदस्या सारिका चौधरी, प्रोमिला गुप्ता, वंदना सिंह, किरण नेगी सहित आयोग की विभिन्न टीमों से जुड़ी काउंसलर भी मौजूद रहीं। वहीं सुबह स्वाति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उसके माध्यम से देश में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे यौन अपराधों की ओर ध्यानाकर्षित करते हुए अपनी 6 मांगों को भी उनके समझ रखा है। 

 

कई संगठन के प्रदर्शन से तनातनी का रहा माहौल
स्वाति मालीवाल के साथ ही कई संगठनों का प्रदर्शन जंतर-मंतर पर चल रहा था। ऐसे में अन्य संगठनों की ओर से कोशिश की जा रही थी कि स्वाति के अनशन को सफल ना होने दिया जाए। जिसके चलते एक बार काफी तनावपूर्ण माहौल बन गया क्योंकि स्वाति व अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच गहमागहमी शुरू हो गई थी। हालांकि मौके पर पुलिस ने बीच-बचाव कर माहौल को शांत बनाए रखा व शाम साढे 4 बजे तक जंतर-मंतर पर चल रहे सभी आंदोलनों को समाप्त करवा दिया। बता दें कि मंगलवार को करीब 1 दर्जन धरना-प्रदर्शन जंतर-मंतर पर आयोजित किए गए थे। 

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लंबी बहस के बाद राजघाट पर बनी सहमति
स्वाति व पुलिस के बीच घंटों की लंबी बहस के बाद राजघाट पर दोनों पक्षों की सहमति बन गई। जिसके बाद रात करीब साढे 8 बजे से राजघाट के सामने समता स्थल पर आयोग की ओर से टेंट लगाए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया। हालांकि खबर लिखे जाने तक स्वाति अपने समर्थकों के साथ जंतर-मंतर पर ही डटी हुईं थीं।  

 

पूरे दिन समर्थन देने वालों का लगा रहा जमावड़ा
स्वाति मालीवाल को समर्थन देने के लिए सुबह से ही जमावड़ा जंतर-मंतर पर लगना शुरू हो गया। दिल्ली में सक्रिय कई महिला एनजीओ ने उन्हें अपना समर्थन दिया। दोपहर बाद स्वाति के समर्थकों की संख्या काफी बढ़ गई। वहीं इस दौरान ‘स्पाइडर मैन’ बनकर आए एक समर्थक ने लोगों को खासा आकर्षित किया। 

 

स्कूली छात्राओं ने की शिकायतें
अनशन के दौरान स्वाति से मिलने दो निजी स्कूल की छात्राएं आईं थी जिन्होंने अपनी शिकायत भी उनके सामने रखी। छात्राओं का कहना था कि स्कूल में प्रिंसिपल ने टॉयलेट के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं, वह सीनियर छात्राओं को नहाते हुए सीसीटीवी कैमरे से देखते हैं। 

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पुलिस ने बुलाया अतिरिक्त सुरक्षा बल, स्वाति को मनाने में लगे 3 घंटे
साढे 5 बजे तक जब स्वाति ने अपना आमरण अनशन जारी रखने का निर्णय लिया तो उन्हें उठाने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दीं। इस दौरान पुलिस ने भारी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स को भी बुलाया था। हालात की नाजुकता को देखते हुए मौके पर 8 डीसीपी मौजूद थे। जिनमें से 2 महिला डीसीपी भी थीं जो लगातार स्वाति को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस समझाने का प्रयास कर रहीं थीं कि वो किसी तरह उठ जाएं। पुलिस को स्वाति को मनाने के लिए 3 घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।  प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आधा दर्जन से अधिक बसें भी लाईं गईं थीं। 

 

पुलिस ने कहा, रामलीला मैदान जाओ शाम 5 बजते ही दिल्ली पुलिस व स्वाति और उनके समर्थकों के बीच खींचतान शुरू हो गई। पुलिस उन्हें रामलीला मैदान जाकर अनशन करने का सुझावा दे रही थी। जिस पर स्वाति ने साफ इंकार कर दिया और सुरक्षा का हवाला दिया। हालांकि बाद में वह समता स्थल (राजघाट) के लिए तैयार हुईं।

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