जावड़ेकर की मीडिया को नसीहत- कश्मीर को लेकर दुनिया को बताएं सच

Edited By vasudha,Updated: 06 Oct, 2019 06:33 PM

javadekar advice to media tell the truth about kashmir

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने से वहां के लोग खुश हैं क्योंकि उन्हें अब शेष देश के नागरिकों की तरह ही फायदे और अधिकार मिलेंगे...

नेशनल डेस्क: सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने से वहां के लोग खुश हैं क्योंकि उन्हें अब शेष देश के नागरिकों की तरह ही फायदे और अधिकार मिलेंगे। जावड़ेकर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि घाटी में मीडिया पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है मीडिया देश के सामने सच रखे। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि भाजपा हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने के फैसले को चुनावी मुद्दे की तरह इस्तेमाल कर रही है। 

 

जनता की आकांक्षा पर खरा उतरा अनुच्छेद 370
जावड़ेकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 जनता की आकांक्षा पर खरा उतरा है। पूरे देश में लोग इसका स्वागत कर रहे हैं। घाटी के लोग सरकार के कदम का स्वागत कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के लोगों को अब सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा जो उन्हें अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने से पहले नहीं मिल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 25 प्रतिशत छात्रों को प्रवेश मिलेगा। यह जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं था, लेकिन अब लागू होगा। जम्मू कश्मीर की जनता को अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए अनेक योजनाओं के लाभ नहीं मिलते थे, लेकिन अब उन्हें ये फायदे मिलेंगे। इसी तरह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को राज्य में कोई राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलता था लेकिन अब वह भी मिलेगा। 

 

अनुच्छेद 370 को हटाने से लोग खुश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गृह मंत्री ने 126 कानूनों की सूची दी जो कश्मीर में लागू नहीं होते लेकिन अब वहां लागू हैं। लोग इनका फायदा उठा रहे हैं और इसलिए वे खुश हैं। कश्मीर घाटी, जम्मू तथा लद्दाख में अब सभी केंद्रीय योजनाएं लागू हैं। पाकिस्तान अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू कश्मीर में पिछले 50-60 साल से अलगाववाद को बढ़ावा देता रहा है। इसी प्रावधान की वजह से अलगाववाद और आतंकवाद बढ़े। अब दोनों समाप्त हो चुके हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक वर्ग में कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर लग रहे आरोपों को भी खारिज करते हुए देश के मीडिया को सच सामने रखना होगा। जावड़ेकर ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे। उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों में छात्र हैं। केवल आठ थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगी है, अन्यथा कोई भी बात नहीं है। पहले दो महीने में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई और कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ।

 

कश्मीर में नहीं कोई पाबंदी 
कश्मीर में मीडिया की आजादी पर भाजपा नेता ने कहा कि भारत में मीडिया की आजादी पर केवल आपातकाल में एक बार हमला हुआ था। हम नाराज थे। पूरा देश इसके लिए लड़ा। हमारे संघर्षों की वजह से ही प्रेस की आजादी मूल स्वरूप में आई। हम प्रेस, संगठनों और बोलने की आजादी के लिए 16 महीने तक जेल में रहे। जहां तक कश्मीर का सवाल है, तो ऐसी कोई बात नहीं है। सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि कश्मीर सभी चैनलों, अखबारों के लिए है। वे सभी जगहों पर जा रहे हैं। केवल आठ थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू है। इसके अलावा कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल मोबाइल कनेक्टिविटी का मुद्दा है जिसके लिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी का हवाला दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे पहले आती है। कश्मीर में हिरासत में लिये गये नेताओं को छोड़ने की समय-सीमा के सवाल पर सीधा जवाब नहीं देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि गृह मंत्री हमें जानकारी देते रहते हैं।

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