हार्ट अटैक से एक दिन पहले पूरी तरह होश में थीं जयललिता: AIIMS

Edited By ,Updated: 07 Mar, 2017 08:40 AM

jayalalithaa was completely conscious before the heart attack

तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की मैडीकल रिपोर्ट सामने आने के बाद उनकी मौत को लेकर नया खुलासा हुआ है।

चेन्नई: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की मैडीकल रिपोर्ट सामने आने के बाद उनकी मौत को लेकर नया खुलासा हुआ है। एम्स डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक हार्ट अटैक आने से एक दिन पहले जयललिता पूरी तरह होश में थीं। दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी हालत नाजुक हो गई जिससे उनकी मौत हो गई थी। जयललिता के इलाज से जुड़ी रिपोर्ट पहली बार सोमवार को सार्वजनिक की गई। चेन्नई के अपोलो अस्पताल की रिपोर्ट में डॉक्टर जीसी खिलनानी और तीन अन्य डॉक्टरों ने कहा है 'वह पूरी तरह होश में थीं, वह कुर्सी पर करीब 20 मिनट तक बैठ सकती थीं लेकिन खड़ी नहीं हो पा रही थीं क्योंकि मांसपेशियों में कमजोरी थी'। राज्य सरकार की ओर से अपोलो के डॉक्टरों की रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया है। एम्स की टीम के मुताबिक जयललिता को फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी गई थी लेकिन उनकी पॉलीन्यूरोपैथी की गंभीर बीमारी के इतिहास को देखते हुए उन्हें पूरी तरह ठीक होने में कई सप्ताह से लेकर कई महीने लग सकते थे। टीम उसी दिन दिल्ली वापिस चली गई और फिर चौथी बार पांच दिसंबर को वापिस चेन्नई लौटी।

सभी कोशिशें रहीं नाकाम
एम्स की टीम चेन्नई अपोलो अस्पताल पहुंची। अपोलो के डॉक्टरों ने एम्स टीम को बताया कि शाम साढ़े चार बजे जयललिता को दिल का दौरा पड़ा था और उन्हें 45 मिनट तक होश में लाने की कोशिश की गई, फिर उनके सीने पर मालिश की गई और उन्हें ईसीएमओ और बाहर से लगने वाले पेसमेकर पर रखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके शरीर का तापमान हमेशा सामान्य से कम रहता था और उनका लगातार हेमोडायलिसिस हो रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया उनकी सभी कोशिश का कोई असर नहीं दिख रहा था, हालांकि शरीर का तापमान कम होने के कारण सही स्थिति का पता नहीं चल रहा था। उसके बाद यह तय किया गया है कि पहले उनके शरीर का तापमान सामान्य किया जाए, फिर दोबारा स्थिति की जांच की जाए।

दिल ने काम करना कर दिया था बंद
एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शरीर का तापमान सामान्य होने के बाद रात करीब 10 बजे फिर से स्थिति का जायजा लिया गया। ब्लडप्रेशर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई और जब उन्हें ईसीएमओ लगाया गया तो पता चला कि उनके दिल ने काम करना बंद कर दिया है। पेसमेकर लगाने के बाद भी ईसीजी मॉनिटर पर सीधी लाइन ही आ रही थी। किसी भी तरह का न्यूरोलॉजिकल सुधार नहीं था। न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया कि सभी उपाय जीवन रक्षक प्रणाली को बेअसर दिखा रहे थे। आखिर में एम्स की टीम तय किया कि इस संबंध में परिजनों आदि से अपोलो की टीम बात करेगी। पांच दिसंबर को जयललिता का निधन हो गया जिसके बाद टीम छह दिसंबर को एम्स की टीम दिल्ली वापिस लौट गई।

रिपोर्ट में निधन की तीन वजहें बताई
चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट में जयललिता के निधन की तीन वजहें बताई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उनकी पुरानी मैडीकल हिस्ट्री मोटापा, हाई ब्लडप्रेशर, थॉयरॉयड की बेहद खराब स्थिति, डायरिया की गंभीर बीमारी और गंभीर मौसमी ब्रोंकाइटिस ने गंभीर समस्याओं को जन्म दिया। रिपोर्ट के मुताबिक जयललिता को 5 से 7 दिन से बुखार और आंतों की समस्या हो रही थी, जब उन्हें भर्ती कराया गया तो परीक्षण में कई बीमारियां और संक्रमण सामने आए, उसे देखते हुए 18 डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई और एम्स टीम सहित 13 डॉक्टरों की सलाह लेकर उनका इलाज किया जा रहा था। बता दें कि जयललिता की मौत के बाद कई सवाल उठाए गए है और इलाज पर भी संदेह जताया जा रहा है। इसी के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार ने एम्स से मैडीकल रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

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