गठबंधन सरकार के बाद जेडीएस-कांग्रेस को पास करनी होगी यह परीक्षा

Edited By vasudha,Updated: 24 May, 2018 03:02 PM

jds congress will be given first exam after coalition government

कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई में गठित जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस की गठबंधन सरकार को सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहले कई और परीक्षणों से गुजरना होगा...

नेशनल डेस्क: कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई में गठित जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस की गठबंधन सरकार को सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहले कई और परीक्षणों से गुजरना होगा। सरकार के समक्ष सबसे पहली परीक्षा विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की है जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने भी ताल ठोंकी है। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कल होना है। 
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रमेश कुमार ने अध्यक्ष पद के लिए भरा नामांकन 
कांग्रेस से अध्यक्ष पद के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार में आज अपना नामांकन भरा है, जबकि भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री सुरेश कुमार ने भी इस पद के लिए अपना पर्चा दाखिल किया है। कर्नाटक विधानसभा के 15 मई को आये नतीजों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। भाजपा सबसे बड़े दल के रुप में उभरी। नतीजों के बाद 78 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की घोषणा की किंतु राज्यपाल वजू भाई वाला ने सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया। 
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विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव होंगे अहम
भाजपा के बी एस येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली किंतु 19 मई को सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहले इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कुमारस्वामी ने कल मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। प्रोटेम स्पीकर के जी बोपैया ने कल दोपहर सवा बारह बजे विधानसभा की बैठक आहूत की है। सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। उसके बाद सदन की आगे की कार्यवाही का संचालन निर्वाचित अध्यक्ष करेंगे। रमेश कुमार के नाम का प्रस्ताव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वर और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारामैया ने किया है। वहीं भाजपा नेता सुनील कुमार और अश्वथ नारायण ने सुरेश कुमार के नाम को प्रस्तावित किया है। 
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भाजपा के पास नहीं पर्याप्त विधायक: सिद्दारमैया 
सिद्दारमैया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जेडीएस.कांग्रेस गठबंधन के पास रमेश कुमार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। वह पहले भी विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं और पांच साल तक सदन का बेहतर तरीके से संचालन किया है। उन्हें कानून की पर्याप्त जानकारी है और विश्वास है कि वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभायेंगे। उन्होंने कहा कि सुरेश कुमार ने भी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पर्चा दाखिल किया है। भाजपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त विधायक नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि एक सप्ताह में दूसरी बार पराजय झेलने के लिए ही भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया है।
 

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