Edited By Yaspal,Updated: 02 Apr, 2019 08:50 PM
विमानन उड़ान कंपनी जेट एयरवेज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जेट के 15 और विमान कर्ज न चुका पाने के कारण परिचालन से बाहर हो गए हैं। इससे पहले बीते एक महीने में कंपनी को कुल 28 विमान खड़े...
बिजनेस डेस्कः वित्तीय संकट से जूझ रही विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के 15 और विमान किराया नहीं चुका सकने के कारण खड़े कर दिये गये हैं और अब उसके मात्र 20 विमान परिचालन में बचे हैं। कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि पट्टे पर जिन कंपनियों से विमान लिये गये हैं, उन्हें किराये की राशि नहीं चुका पाने के कारण 15 और विमान मंगलवार को ग्राउंडेड हो गये।
पिछले सप्ताह के आरंभ में नागर विमानन महानिदेशालय ने बताया था कि कंपनी के मात्र 35 विमान परिचालन में थे। इस प्रकार कुछ महीने पहले तक 120 विमानों का बेड़ा रखने वाली कंपनी के विमानों की संख्या घटकर अब 20 रह गयी है। एयरलाइंस ने कहा है कि नकदी संकट के कारण वह किराये की राशि नहीं चुका पायी है। उसने कहा है कि नकदी संकट हल करने के लिए किये गये उपायों के बारे में उसने विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों को बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ऋणदाताओं को भी भुगतान करने में विफल रही है। दिवाला प्रक्रिया के तहत भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने उसके ऋण के बदले इक्विटी के माध्यम से हिस्सेदारी लेने का फैसला किया है जिसे एयरलाइंस के बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी है। एसबीआई तत्काल 1,500 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध कराने पर भी सहमत हुआ है, लेकिन कर्मचारियों के बकाये, विमान ईंधन के लिए भुगतान, हवाई अड्डा शुल्क और विमानों के किराये के मदद में भारी बकाये को देखते हुये यह राशि काफी कम है।
नागर विमानन मंत्रालय में पिछले सप्ताह के आरंभ में जेट एयरवेज को लेकर हुई बैठक के बाद नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बताया था कि एसबीआई की नकदी उपलब्ध कराने और प्रबंधन में बदलाव के मद्देनजर विमानों के पट्टेदारों से बात की जायेगी तथा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई और विमान ग्राउंडेड न हो। आज 15 और विमानों के ग्राउंडेड होने से साफ है कि बात बन नहीं सकी है।