जम्मू-कश्मीर : रोशनी कानून समाप्त किए जाने को पूर्व नौकरशाह ने न्यायालय में दी चुनौती

Edited By Monika Jamwal,Updated: 26 Nov, 2020 01:09 PM

jk  former bureaucrat challenged the abolition of roshni law in the court

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव मोहम्मद शफी पंडित ने राज्य की जमीन पर निवास करने वालों को संपत्ति का अधिकार देने वाले रोशनी कानून को समाप्त करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में विशेष अर्जी दी है।

नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव मोहम्मद शफी पंडित ने राज्य की जमीन पर निवास करने वालों को संपत्ति का अधिकार देने वाले रोशनी कानून को समाप्त करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में विशेष अर्जी दी है।

 

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने नौ अक्टूबर को रोशनी कानून को 'अवैध, असंवैधानिक और स्वीकार्यता से परे' बताते हुए कानून के तहत हुई भूमि आवंटन की जांच का आदेश सीबीआई को दिया। 1969 बैच के आईएएस अधिकारी और उल्लेखनीय सेवा के लिए स्वर्ण पदक पाने वाले पंडित ने एक बयान में कहा कि उन्हें न्यायपालिका में पूरा भरोसा है और उच्चतम न्यायालय जल्दी ही उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका देगा।

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उन्होंने कहा, "सलिए मैं कोई भी विस्तृत टिप्पणी करने से बच रहा हूं।"  पंडित ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वह अपनी सास की जमीन के एक हिस्से के वैध मालिक हैं। गौरतलब है कि कश्मीर के डिविजनल आयुक्त द्वारा तैयार की गई रोशनी कानून के लाभार्थियों की सूची में पंडित की पत्नी का नाम भी है। 
 

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