Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Jun, 2022 08:39 PM
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्नातक पहले वर्ष की एक छात्रा ने विश्वविद्याल प्रशासन को पत्र लिखकर दो वरिष्ठ विद्यार्थियों पर उत्पीड़न करने एवं ‘असामान्य मानसिक पीड़ा'' पहुंचाने का आरोप लगाया है।
एजुकेशन डेस्क: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्नातक पहले वर्ष की एक छात्रा ने विश्वविद्याल प्रशासन को पत्र लिखकर दो वरिष्ठ विद्यार्थियों पर उत्पीड़न करने एवं ‘असामान्य मानसिक पीड़ा' पहुंचाने का आरोप लगाया है। जेएनयू प्रशासन ने बृहस्पतविार को इस बात की पुष्टि की कि उसे कथित रैगिंग की शिकायत मिली है और कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर रजनीश कुमार मिश्रा को 27 मई को लिखे पत्र में छात्रा ने प्रशासन से संबंधित छात्रों के विरूद्ध जरूरी कार्रवाई करने की अपील की।
छात्रा ने आरोप लगाया कि उनमें एक उसकी पूर्व ‘रूममेट' है जिसने उसे ‘ कपड़े, बर्तन धोने जैसे काम करने के लिए बाध्य किया। उसने पत्र में लिखा, ‘‘ यह आपके संज्ञान में लाने के लिए है कि फरवरी में इस परिसर में आने के बाद से ही दो वरिष्ठ छात्राएं मुझे परेशान कर रही हैं।'' उसने लिखा, ‘‘ पिछले तीन महीने से मैं असामान्य मानसिक दबाव में हूं। उसके कारण में पिछले तीन महीने से अवसादग्रस्त रही तथा इन लोगों की हरकत के कारण परिसर में मेरी जिंदगी लगातार असहनीय होती गयी।'' छात्रा ने दोनों पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने एवं उसे बदनाम करने का भी आरोप लगाया।
उसने कहा, ‘‘ मैं ईसाई परिवार से आती हूं और जब यह बात परिसर में फैली, तब मैं डर गयी एवं छिप गयी।'' उसने इंसाफ की मांग की और कहा कि वह आखिर तक इस मामले को ले जाएगी। उसने कहा, ‘‘मैं आशा करती हूं कि आप स्थिति की गंभीरता को समझेंगे और महसूस करेंगे कि मैं किस प्रकार की समस्या से जूझ रही हूं। मैं आपसे इन विद्यार्थियों के विरूद्ध उनकी हरकत को लेकर कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं। आपके सहयोग के लिए मैं आभारी रहूंगी। '' जेएनयू की रैगिंग विरोधी इकाई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मामले की जांच चल रही है तथा दोषी पाये जाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।