मामलों के लंबित रहने से न्यायपालिका बदनाम हो रही है : न्यायमूर्ति गोगोई

Edited By shukdev,Updated: 30 Sep, 2018 06:21 PM

judiciary is being defamed by pending matters justice gogoi

भारत के मनोनीत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि लंबित मामलों से निपटने के लिए उनके पास एक योजना है। लंबित मामलों के कारण भारत की न्याय व्यवस्था को काफी ‘बदनामी’ झेलनी पड़ रही है। न्यायमूर्ति गोगोई तीन अक्टूबर को भारत के 46वें प्रधान...

नई दिल्ली: भारत के मनोनीत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि लंबित मामलों से निपटने के लिए उनके पास एक योजना है। लंबित मामलों के कारण भारत की न्याय व्यवस्था को काफी ‘बदनामी’ झेलनी पड़ रही है। न्यायमूर्ति गोगोई तीन अक्टूबर को भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे। उन्होंने शनिवार को कहा कि लंबित मामलों से निपटने के लिए उनके पास एक योजना है और जल्द ही वह इसका ‘खुलासा’ करेंगे।

वह यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित ‘रोल ऑफ बार एंड बेंच इन सोशल इंजीनियरिंग’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘दो चीजों से मुझे दिक्कत हो रही है। एक मामलों का लंबित रहना क्योंकि इससे न्यायिक व्यवस्था काफी बदनाम हुई है। इस समस्या के कारण व्यवस्था खुद ही अव्यावहारिक बन जाएगी।’

उन्होंने कहा, ‘आपराधिक मामलों में आरोपियों के मामले की सुनवाई सजा पूरी होने के बाद हो रही है और दीवानी विवादों के पक्षकारों को दो-तीन पीढिय़ों के बाद फैसले मिल रहे हैं। यह गंभीर समस्या है लेकिन यह काफी कठिन नहीं है और इसका समाधान किया जा सकता है। मेरे पास एक योजना है और इसका जल्द खुलासा करूंगा।’ उन्होंने इस प्रक्रिया में बार और पीठ से सहयोग मांगा। इससे पहले न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा था कि देश भर की जिला अदालतों में 5950 न्यायिक रिक्तियां हैं।

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