गुरु आज से वक्री, 11 अगस्त को होंगे मार्गी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Apr, 2019 11:21 AM

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ज्योतिष में ज्ञान और सम्पत्ति का कारक ग्रह बुधवार रात 10.30 बजे वक्री हो जाएंगे। इसके बाद गुरु 11 अगस्त सायं 7.47 बजे मार्गी होंगे। इस दौरान गुरु 22 अप्रैल को धनु से वक्री होकर वृश्चिक राशि में जाएंगे और पुन: 5 नवम्बर को धनु राशि में जाकर राशि...

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जालन्धर (नरेश कुमार) : ज्योतिष में ज्ञान और सम्पत्ति का कारक ग्रह बुधवार रात 10.30 बजे वक्री हो जाएंगे। इसके बाद गुरु 11 अगस्त सायं 7.47 बजे मार्गी होंगे। इस दौरान गुरु 22 अप्रैल को धनु से वक्री होकर वृश्चिक राशि में जाएंगे और पुन: 5 नवम्बर को धनु राशि में जाकर राशि परिवर्तन करेंगे। गुरु के वक्री होने का सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ जातकों पर अलग-अलग तरीके से असर पड़ेगा क्योंकि वक्र अवस्था में गुरु अचानक नतीजे देने शुरू कर देते हैं। हालांकि गुरु अगले 12 दिन तक धनु राशि में ही रहेंगे लेकिन उसके बाद साढ़े 3 महीने वृश्चिक राशि में होंगे, लिहाजा वक्री गुरु का राशियों पर पडऩे वाले प्रभाव का आकलन हम गुरु का गोचर वृश्चिक राशि से मान कर रहे हैं। 

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मेष : आठवें भाव में गुरु शुभ फल नहीं देगा और खर्चे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा मित्रों के साथ विवाद भी हो सकता है। हालांकि बच्चों की सेहत व शिक्षा के लिहाज से गुरु का वक्री होना मेष राशि वालों के लिए अच्छा साबित हो सकता है।

वृष : सातवें भाव में गुरु के गोचर से कारोबारी पार्टनरशिप के बेहतर मौके बनेंगे। जिस काम के लिए योजना बना रहे हैं उसमें सफलता के आसार हैं। आय के साधनों में वृद्धि होगी। काम के वक्त पर भाई-बहनों से सहयोग मिल सकता है। 

मिथुन : छठे भाव से गुरु का गोचर बीमारियों को न्यौता दे सकता है। हालांकि कारोबारी या नौकरीपेशा लोगों को गुरु के वक्री होने से फायदा मिलेगा। इस दौरान विदेश जाने का मौका मिल सकता है। ससुराल पक्ष के साथ संबंधों में सुधार होगा। 

PunjabKesariकर्क: पांचवें भाव का गुरु उच्च शिक्षा हासिल कर रहे स्टूडैंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगा। आय के साधनों में वृद्धि होगी। लग्र पर गुरु की दृष्टि आपकी सेहत व मानसिक स्वास्थ्य के लिए शुभ है। आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे।

सिंह : चौथे भाव का गुरु कारोबारी क्षेत्र में प्रतिष्ठा दिलाएगा। पिता की सेहत में सुधार होगा। छिपा धन मिलने के आसार हैं। विदेश यात्रा का भी योग बन सकता है। हालांकि खुद की सेहत के लिहाज से गुरु का वक्री होना शुभ नहीं है। घुटनों का दर्द परेशानी देगा।

कन्या : विवाहित जोड़ों के संबंध मधुर होंगे। धार्मिक यात्रा का योग है। आय के साधनों में वृद्धि होगी। यदि कोई प्रोजैक्ट लंबे समय से लंबित है तो उसे शुरू करने का सही समय है। भाई-बहनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है। 

PunjabKesariतुला : दूसरे भाव का गुरु बीमारियों से निजात दिलाएगा। इसके अलावा रिसर्च से जुड़े स्टूडैंट्स के लिए गुरु का यह गोचर काफी शुभ है। कार्य क्षेत्र में तुला राशि के जातकों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। हालांकि इस दौरान ससुराल के साथ संबंधों में खटास आ सकती है। 

वृश्चिक : गुरु इसी राशि में वक्री होंगे और पांचवें भाव में गुरु की दृष्टि से बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। कारोबार में आपके पार्टनर सहयोग करेंगे। पत्नी के साथ संबंध भी मधुर होंगे। भाग्य स्थान पर गुरु की दृष्टि अचानक लाभ देगी। 

धनु : बारहवें भाव का गुरु खर्चे बढ़ाने वाला होगा। हालांकि बीमारियों से निजात मिलेगी और मां की सेहत में भी सुधार होगा। अदालती मामलों में भी फैसला आपके पक्ष में जा सकता है। यदि आपका पैसा कर्ज में फंसा है तो उसकी वापसी के योग हैं। 

PunjabKesariमकर : ग्यारहवें भाव का गुरु कमाई के मौके बढ़ाएगा। निवेश के लिहाज से समय अच्छा है। भाई-बहनों के अलावा पत्नी की सेहत में सुधार होगा। जो स्टूडैंट्स परीक्षा के दौर से गुजर रहे हैं उनके लिए गुरु का वक्री होना शुभ है। 

कुम्भ : दसवें भाव से गुरु के गोचर के चलते घर में साज-सज्जा का नया सामान आ सकता है। नई कार व प्रॉपर्टी के भी योग हैं। मित्रों व सगे-संबंधियों के साथ संबंधों में सुधार होगा। बीमारियों से निजात मिलेगी। दुश्मन की साजिश अपने आप विफल होगी।

मीन : नौवें भाव का गुरु आपके लिए शुभ है। बच्चों के स्वास्थ्य और निवेश के लिहाज से समय अच्छा है। भाई-बहनों की तरफ से खुशखबरी मिलेगी। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और चित्त प्रसन्न रहेगा। 

PunjabKesariगुरु धनु राशि से वक्री होकर वृश्चिक राशि में जाएंगे लिहाजा जातकों को दोनों राशियों से गुरु के गोचर का फल मिलेगा। जिन जातकों की कुंडली में गुरु वक्री है उन्हें इस दौरान अचानक अच्छी खबर मिल सकती है। जिन जातकों की कुंडली में गुरु पीड़ित हैं उन्हें अपने ज्योतिषी की सलाह से गुरु का उपाय करना चाहिए। 
—आर.के. शर्मा, वैदिक एस्ट्रोलोजी एंड वास्तु रिसर्च इंस्टीच्यूट, गुरु गोबिन्द सिंह ऐवेन्यू, जालन्धर

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