Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 May, 2018 07:40 PM
सभी अटकलबाजियों को दरकिनार करते हुए उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर अपने अंतिम कार्यदिवस को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल हुए। न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के अलावा न्यायमूर्ति...
नई दिल्ली : सभी अटकलबाजियों को दरकिनार करते हुए उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर अपने अंतिम कार्यदिवस को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल हुए। न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के अलावा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ भी पीठ में शामिल थे। इस खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को 11 मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थे।
हाथ जोड़कर वकीलों का किया शुक्रिया अदा
बेंच के उठने के बाद उन्होंने खड़े होकर दोनों हाथ जोड़कर अदालत कक्ष में उपस्थित सभी वकीलों का शुक्रिया अदा किया। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन 21 मई से एक जुलाई तक चलने वाले ग्रीष्मावकाश के कारण शुक्रवार को ही उनका अंतिम कार्यदिवस था। आमतौर पर ऐसी परंपरा रही है कि सेवानिवृत्त होने वाले न्यायाधीश अपने अंतिम कार्यदिवस को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच में शामिल होते हैं, लेकिन हाल के महीनों में दोनों के बीच वैचारिक मतभेद उभरकर सामने आए हैं और विभिन्न मौकों पर न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार मुख्य न्यायाधीश के कामकाज की शैली पर उठाए सवाल
उच्चतम न्यायालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी न्यायाधीश ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मुख्य न्यायाधीश के कामकाज की शैली पर प्रश्न उठाए हों। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने तीन अन्य न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर के साथ मिलकर संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर का मुख्य न्यायाधीश की बेंच में शामिल होने को लेकर संशय के बाजार इसलिए भी गर्म हो गए थे, क्योंकि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से उनके सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में शामिल होने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि वह पहले भी ऐसे समारोह में हिस्सा लेने से परहेज करते रहे हैं।
बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की सराहना
उनके अंतिम कार्यदिवस पर बार की ओर से विभिन्न अधिवक्ताओं ने उनके सम्मान में कसीदे पढ़े। खंडपीठ के दिनभर के लिए उठने से पहले जाने माने वकील प्रशांत भूषण, पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम और वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के सम्मान में अपनी भावनाएं व्यक्त की। जूनियर भूषण ने कहा, बार की ओर से मैं यह कहना चाहूंगा कि आपके सामने पेश होना सुखद रहा है। यह हमेशा से सम्मान की बात रही है। देश के लोकतंत्र के लिए आपके योगदान को भावी पीढ़ी याद रखेगी।