कालाष्टमी: बाबा भैरव का वाहन पूरे कर सकता है आपके बड़े-बड़े काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Sep, 2019 06:56 AM

kalashtami vrat 2019

हिंदू पंचांग की मान्यता के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। बाबा काल भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं। काल का अर्थ होता है समय, अत: इन्हें समय का

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हिंदू पंचांग की मान्यता के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। बाबा काल भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं। काल का अर्थ होता है समय, अत: इन्हें समय का भगवान भी कहा जाता है। आज 21 सितंबर, 2019 को सप्तमी तिथि है लेकिन अष्टमी तिथि का आरंभ रात 8.21 से हो रहा है। जो 22 सितंबर की रात 7.50 तक रहने वाली है। 21 और 22 सितंबर को कालाष्टमी रहने वाली है लेकिन 21 की रात भैरव बाबा की पूजा करना शुभ रहेगा। विद्वानों के मतानुसार जो व्यक्ति कालभैरव की पूजा करता है उससे ऊपरी बाधाएं, हवाएं, नजर दोष और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। उसके जीवन में खुशियां और समृद्धि सदा पैर पसारे रखती हैं।

कुत्ते को रहस्यमयी प्राणी कहना गलत न होगा। इससे बड़ा स्वामी भक्त जीव शायद ही कोई और हो। मान्यता है की कुत्ते को दैवीय कृपा से आत्माओं को देखने की शक्ति भी प्राप्त होती है। बाबा भैरव के अधीन सभी प्रेत-आत्माएं हैं। बाबा काल भैरव का वाहन कुत्ता है इसलिए उसे आज के दिन खाना खिलाना शुभ होता है। वर्तमान समय में पितर पक्ष चल रहा है तो कुत्ते को खाना खिलाने से आपकी बहुत सारी प्रॉब्लम सॉल्व हो सकती हैं। काले रंग के कुत्ते की पूजा का माहात्म्य और बढ़ जाता है। कुत्ते की सेवा करने से यमदूत और बुरी आत्माएं आपसे कोसों दूर रहेंगी।

प्रतिदिन घर में बनने वाली पहली रोटी गाय की, दूसरी कौवे की और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए अवश्य निकालें। संभव न हो तो कालाष्टमी वाले दिन अवश्य निकालें। ऐसा करने से हमारे पितर तृप्त होते हैं। अपने अच्छे-बुरे कर्म भोगने के बाद पितर किस योनी में हैं। हम नहीं जानते सात्विक योनी में होंगे तो गाय माता को दी गई रोटी उन्हें तृप्त करती है, राजसिक रूप में हैं तो कुत्ते को दी गई रोटी उन्हें संतुष्ट करती है और यदि वे तामसिक रूप में हैं तो कौवे को दी गई रोटी प्रसन्न करेगी।  

एक रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाएं। इसके अलाव दूध, जलेबी और बिस्कुट भी खिलाए जा सकते हैं।

ज्योतिष विद्वान कुत्ते को शनि और केतु का प्रतीक मानते हैं, अत: इन दोनों ग्रहों की शुभता प्राप्त करने के लिए काले अथवा काले-सफेद रंग के कुत्ते की सेवा करें।

जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है अथवा संतान सुख में बाधा आ रही है, उन्हें अपने घर में काला कुत्ता पालना चाहिए। इससे कुंडली में चल रहे केतु और शनि के दोष भी समाप्त होते हैं।

पितृ शांति के लिए कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएं। 

शनि को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है काले कुत्ते को रोटी खिलाना।

सुबह-शाम काले कुत्ते को रोटी खिलाने से कर्ज नहीं चढ़ता।

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