Edited By ASHISH KUMAR,Updated: 23 Apr, 2018 01:30 PM
कांग्रेस में एक चेहरे से बात नहीं बनेगी। यहां नेतृत्व के लिए कई चेहरों की जरूरत है। ये हरियाणा नहीँ मध्यप्रदेश है। यहां कई तरह की जटिलताएं हैं। भाजपा का उदाहरण देखिए। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में कोई चेहरा पेश किया क्या? ये बातें पूर्व केंद्रीय...
मध्यप्रदेश (इंदौर): मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की एक चेहरे से बात नहीं बनेगी। यहां नेतृत्व के लिए कई चेहरों की जरूरत है। ये हरियाणा नहीँ मध्यप्रदेश है। यहां कई तरह की जटिलताएं हैं। भाजपा का उदाहरण देखिए। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में कोई चेहरा पेश किया क्या? ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कही। कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव के बारें में पूछे गए सवाल को चतुराई से टाल दिया।
घोषणाओं का अब नहीं है समय
प्रेस कान्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने शिवराज सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नई घोषणाएं कर रहे हैं। जनता सब कुछ समझ चुकी है। अब घोषणाओं का समय नहीं है, हिसाब किताब देने का समय आ चुका है। अपने राजनैतिक जीवन के 40 सालों में मैंने ऐसे हालात नहीँ देखे। आज समाज का हर वर्ग दुःखी है। शिवराज पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि खुद को मुख्यमंत्री किसान का बेटा बताते हैं, लेकिन आज प्रदेश में अगर सबसे अधिक कोई दुःखी है तो वो किसान ही है। प्रदेश में बीते 15 वर्ष में 20 हज़ार से अधिक किसानों ने कर्ज से परेशान होकर आत्म हत्या की है।
मामा के राज में महिलाओं पर अत्याचार
कमलनाथ यहीं नहीं रुके सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद को मामा कहते हैं लेकिन महिलाओं पर अत्याचार और दुराचार के मामले मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि कमलनाथ के समर्थक देवी अहिल्या विमानतल पर शक्ति प्रदर्शन करने के दौरान बेकाबू हो गए जिसके कारण पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। एयरपोर्ट पर पुलिस और कमलनाथ के सुरक्षाकर्मियों को इन कार्यकर्ताओं को बाहर की ओर खदेड़ना पड़ा।