Edited By Rahul Singh,Updated: 08 Sep, 2024 09:26 AM
पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने ‘UA’ सर्टिफिकेट देने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके लिए फिल्म में तीन कट और कुल 10 बदलाव की शर्त रखी है।
नई दिल्ली। कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ लंबे समय से विवादों में घिरी रही है, जिसके कारण फिल्म की रिलीज डेट को पोस्टपोन कर दिया गया है। पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म पर अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने ‘UA’ सर्टिफिकेट देने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके लिए फिल्म में तीन कट और कुल 10 बदलाव की शर्त रखी है।
विवादित बयानों के स्रोत की मांग
सीबीएफसी ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ के निर्माताओं से विवादित ऐतिहासिक बयानों के स्रोत की मांग की है। इनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन द्वारा भारतीय महिलाओं पर की गई अपमानजनक टिप्पणी और विंस्टन चर्चिल द्वारा भारतीयों को ‘खरगोशों की तरह प्रजनन करने वाला’ बताने वाली टिप्पणी शामिल हैं। निर्माताओं को इन दोनों बयानों के तथ्यात्मक स्रोत प्रदान करने होंगे।
फिल्म में किए गए कट और बदलाव
फिल्म को 8 जुलाई को सीबीएफसी के पास सर्टिफिकेशन के लिए जमा किया गया था। 8 अगस्त को बोर्ड ने फिल्म में तीन कट और दस बदलाव करने के सुझाव भेजे। सीबीएफसी ने मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखकर 'UA' सर्टिफिकेशन के लिए आवश्यक 10 'कट/सम्मिलन/संशोधन' की सूची प्रदान की थी।
डिलीट करने के लिए कहा गया सीन
सीबीएफसी ने सुझाव दिया कि फिल्म के उस सीन को हटाया या बदला जाए जिसमें पाकिस्तानी सैनिक बांग्लादेशी शरणार्थियों पर हमला करते हैं, विशेषकर वह दृश्य जिसमें एक सैनिक नवजात बच्चे और तीन महिलाओं के सिर को धड़ से अलग कर देता है।
निर्माताओं ने एक कट पर नहीं दी सहमति
8 अगस्त के पत्र के बाद, फिल्म निर्माताओं ने 14 अगस्त को सीबीएफसी को जवाब दिया और उसी दिन फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज किया। सूत्रों के अनुसार, निर्माताओं ने लगभग सभी कट और बदलावों को मान लिया, केवल एक कट पर सहमति नहीं जताई।
सर्टिफिकेशन पर कोर्ट का हस्तक्षेप
29 अगस्त को निर्माताओं को एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया कि फिल्म को ‘UA’ सर्टिफिकेट मिल गया है, लेकिन कोई प्रमाण पत्र अभी तक जारी नहीं किया गया है। इसके बाद, निर्माताओं ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत में, सीबीएफसी के वकील ने कहा कि जांच समिति, जिसे फिल्म निर्माताओं की 14 अगस्त की प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए एक और बैठक आयोजित करनी थी, अभी तक नहीं बुलाई गई है। इस कारण फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीएफसी को फिल्म के सर्टिफिकेशन पर फैसला लेने के लिए 18 सितंबर तक का समय दिया है।