Edited By Pardeep,Updated: 01 Feb, 2020 05:31 AM
लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी को शुक्रवार को उत्तरी कमान में जीओसी-इन-सी के पद पर नियुक्त किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी को 12 जून 1982 को 13 जेएके आरआईएफ कमीशन में नियुक्त किया गया था और बाद में उसी यूनिट की कमान..
नेशनल डेस्कः लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी को शुक्रवार को उत्तरी कमान में जीओसी-इन-सी के पद पर नियुक्त किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी को 12 जून 1982 को 13 जेएके आरआईएफ कमीशन में नियुक्त किया गया था और बाद में उसी यूनिट की कमान संभाली थी।वाईके जोशी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने नई दिल्ली में प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्स में भाग लिया। जनरल ऑफिसर को सभी थिएटरों को कवर करते हुए पूरे मोजेक को फैलाने का कमान अनुभव रहा है।
उन्होंने ऑपरेशन विजय और पराक्रम में 13 जेएके आरआईएफ की कमान संभाली थी। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपने उत्कृष्ट नेतृत्व के साथ ‘जो’ उपनाम से सबका ध्यान आकर्षित किया और अपनी यूनिट को अभूतपूर्व सफलता दिलाई। ऑपरेशन विजय में उनकी कमान के तहत यूनिट को कुल 37 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था, जिनमें दो परमवीर चक्र, आठ वीर चक्र और चौदह सेना मेडल शामिल थे।
यूनिट को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र और ‘ब्रेवेस्ट ऑफ ब्रेव’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 13 जेएके आरआईएफ के संचालन में उनको वीर चक्र से सम्मानित किया गया। वाईके जोशी ने तांगसे में इन्फैंट्री ब्रिगेड, करहु में इन्फैंट्री डिवीजन और लेह में कॉर्प्स की कमान संभाली थी। उन्होंने महानिदेशक, इन्फैंट्री के रूप में भी काम किया है और इन्फैंट्री के आधुनिकीकरण अभियान को उत्प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।