Edited By Anil dev,Updated: 14 Nov, 2019 11:11 AM
कर्नाटक सरकार में सत्तासीन बी.एस. येद्दियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हिलाने के लिए उपचुनाव एक नया भूचाल ला सकता है। अयोग्य ठहराए गए 17 बागी विधायक उपचुनाव में शामिल हो सकेंगे, जिसे कर्नाटक की येद्दियुरप्पा सरकार के लिए राहत की तरह...
बेंगलूर: कर्नाटक सरकार में सत्तासीन बी.एस. येद्दियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हिलाने के लिए उपचुनाव एक नया भूचाल ला सकता है। अयोग्य ठहराए गए 17 बागी विधायक उपचुनाव में शामिल हो सकेंगे, जिसे कर्नाटक की येद्दियुरप्पा सरकार के लिए राहत की तरह देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए विधायकों की खाली हुई 15 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 5 दिसम्बर को होने हैं। चूंकि अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है, तो उपचुनाव बागियों से ज्यादा भाजपा के लिए जरूरी हैं। भाजपा के लिए कर्नाटक की सत्ता में बने रहने के लिए 15 में से 8 सीटों पर जीतना जरूरी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा ने कहा कि भाजपा अयोग्य ठहराए विधायकों को उपचुनाव लडऩे के लिए टिकट देगी। उप मुख्यमंत्री अश्वत्थनारायण सी.एन. ने दावा किया कि विपक्षी दलों के नेता 14 नवम्बर को भाजपा में शामिल होंगे। कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि यदि भाजपा का कोई सिद्धांत है तो उसे अयोग्य ठहराए गए विधायकों को टिकट नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस का 12 सीटों पर जीत का दावा
उधर, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने विश्वास जताया कि कर्नाटक उपचुनावों में उनकी पार्टी 15 विधानसभा सीटों में से 12 पर जीत हासिल करेगी और अगर ऐसा हुआ तो भाजपा की कर्नाटक सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि भाजपा उपचुनाव में 15 में से 10 सीटें आराम से जीत लेगी, क्योंकि भाजपा ने उन्हीं बागी विधायकों को मैदान में उतारा है, जो 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उन सीटों से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, जो उनके अयोग्य ठहराए जाने से खाली हुई हैं।
14 कांग्रेस के थे बागी
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में अयोग्य ठहराए गए 17 विधायकों में से 14 बागी विधायक कांग्रेस और 3 बाकी विधायक जनता दल सैकुलर (जे.डी.एस.) के थे, जिन्होंने जुलाई में अपने विधानसभा क्षेत्रों से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के पश्चात उपचुनाव कराए जा रहे हैं। इससे पहले राज्य में 3 बड़ी पार्टियों कांग्रेस, जे.डी.एस. ने जहां पार्टी के आंतरिक कारणों व भाजपा ने कोर्ट के फैसले के इंतजार में उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया था।