Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Apr, 2018 02:37 PM
कर्नाटक में आगामी 12 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के 218 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा के बाद पनपे असंतोष से यह आशंका बलवती होती जा रही है कि कहीं कांग्रेस को इसकी कीमत न चुकानी पड़ जाए। कांग्रेसी उम्मीदवारों की पहली सूची से...
बेंगलुरु: कर्नाटक में आगामी 12 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के 218 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा के बाद पनपे असंतोष से यह आशंका बलवती होती जा रही है कि कहीं कांग्रेस को इसकी कीमत न चुकानी पड़ जाए। कांग्रेसी उम्मीदवारों की पहली सूची से यही दृष्टिगोचर होता है कि पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री सिद्दारामैया के कंधे पर हाथ दे रखा है जबकि उनके आलोचकों में शामिल लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली का असर कमतर नजर आता है। मोइली कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा टिकट वितरण में सिद्धारमैया की अनुशंसाओं को तरजीह दिए जाने से खासे नाराज हैं।
राहुल की अध्यक्षता वाली केंद्रीय चुनाव समिति ने 100 से अधिक मौजूदा विधायकों और मुख्यमंत्री के चहेतों को दोबारा टिकट दिया है। स्थिति यह है कि बेंगलुरु ही नहीं बल्कि सिरूगुप्पा, लिंगसुगुर, तारिकेरे, तिपकुर, ब्यादगी और हांगल जिलों में बगावत के स्वर मुखर होने लगे हैं जिसकी कीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वरा के ‘एक परिवार-एक टिकट’ की सलाह को खारिज करते हुए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने मुख्यमंत्री को चामुंडेश्वरी और उनके पुत्र डॉ यतिंद्र को वरूणा से टिकट दिया है।
गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी को बीटीएम लेआउट और उनकी पुत्री सौम्या रेड्डी को जयनगर सीट से टिकट दिया गया है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे को गुलबर्गा जिले के चितापुर (सुरक्षित) सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। विधि मंत्री टी.बी. जयचंद्रा के पुत्र संतोष जयचंद्र को तुमकुर क्षेत्र के चिकनयाकनहल्ली सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है जबकि जयचंद्रा सिरा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार होंगे।