कर्नाटक चुनावः इन 7 कारणों से मोदी-शाह की जोड़ी फिर हुई हिट

Edited By Seema Sharma,Updated: 16 May, 2018 10:22 AM

karnataka election modi shah pair again hit

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी फिर हिट साबित हुई है। दोनों ने मिलकर कर्नाटक में 48 रैलियां कीं और 79 हजार कि.मी. की यात्रा की। दूसरी तरफ कांग्रेस ने करीब 2 साल बाद सोनिया गांधी को चुनाव...

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी फिर हिट साबित हुई है। दोनों ने मिलकर कर्नाटक में 48 रैलियां कीं और 79 हजार कि.मी. की यात्रा की। दूसरी तरफ कांग्रेस ने करीब 2 साल बाद सोनिया गांधी को चुनाव प्रचार में उतारा। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी।

PunjabKesari

  • पूरा का पूरा कर्नाटक चुनाव तब बदल गया जब मोदी ने 1 मई से रैलियां करनी शुरू कीं। शुरू में तो उनकी 15 रैलियां थीं लेकिन उनकी रैलियों में बढ़ती भीड़ और मोदी के प्रभाव को देखते हुए रैलियों की संख्या बढ़ाकर 21 कर दी गई जिनका सीधा असर दिखा। मोदी ने जहां-जहां रैली की उनमें से अधिकतर सीटों पर भाजपा की जीत हुई। इसके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कांग्रेस के लिए पी.पी.पी. का नया नारा दिया। उन्होंने गडग में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक में चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस घटकर पी.पी.पी. कांग्रेस यानी पंजाब, पुड्डुचेरी और परिवार कांग्रेस रह जाएगी। इस नारे का कांग्रेस की तरफ से कोई बड़ा पलटवार नहीं आया। यह नारा कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने में कारगर साबित हुआ।
     
  • कर्नाटक की जनता ने जो फैसला सुनाया है उससे साफ पता चलता है कि वह सिद्धरमैया सरकार से नाखुश थी जिसका असर वोट के बढ़े प्रतिशत में भी दिखा। 2013 के विधानसभा चुनाव में 70.23 प्रतिशत मतदान हुआ था जो 2018 में बढ़कर 72 प्रतिशत तक पहुंच गया। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो वोटों का बढ़ा प्रतिशत कांग्रेस के खिलाफ गया।
     
  • कर्नाटक चुनाव में मोदी-अमित शाह की जोड़ी ने फिर से साबित कर दिया कि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में रोकना मुश्किल है। जहां एक तरफ मोदी ने बड़ी से बड़ी रैलियों को संबोधित किया वहीं हर बार की तरह अमित शाह ने बूथ लैवल तक का मैनेजमैंट संभाला। अमित शाह ने अपने सबसे सफल पन्ना प्रमुख फॉर्मूले को यू.पी. के बाद कर्नाटक में भी लागू किया।
     
  • सिद्धरमैया दलित कुरुबा जाति से ताल्लुक रखते हैं जिसके चलते उन्हें उम्मीद थी कि अहिंदा वोट उन्हें मिलेगा। बता दें कि माइनोरिटीज, बैकवर्ड क्लासेज और दलितों को कन्नड़ में अहिंदा कहा जाता है लेकिन सिद्धरमैया का अङ्क्षहदा कार्ड फेल साबित हुआ।
    PunjabKesari
  • कांग्रेस का लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का प्रस्ताव उसके खिलाफ गया। राज्य में लिंगायतों की आबादी 17 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत मानी गई। इस कदम से वोक्कालिंगा समुदाय और लिंगायतों के एक धड़े वीराशैव में भी नाराजगी थी। इससे उनका झुकाव भाजपा की तरफ बढ़ा।
     
  • कर्नाटक में चुनाव प्रचार के सैकेंड लास्ट डे बेंगलूर के राजेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से करीब 10 हजार वोटर कार्ड मिले थे जिसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के पास फर्जी वोटर कार्ड छापने की मशीन है। मुद्दा इतना गंभीर बन गया कि आधी रात को कांग्रेस और भाजपा ने प्रैस कॉन्फ्रैंस तक की।
     
  • कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है तो वह पी.एम. क्यों नहीं बन सकते हैं। राहुल के इस बयान के बाद भाजपा ने पूरा मुद्दा राहुल के पी.एम. बनने पर डाइवर्ट कर दिया। हालांकि बाद में राहुल ने बार-बार यह कहा कि यह कर्नाटक का चुनाव है, इसमें पी.एम. की बात नहीं करूंगा लेकिन भाजपा हर मंच पर राहुल के पी.एम. बनने के बयान को भुनाती रही। 

PunjabKesari

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!