क्या है कर्नाटक का ट्रेंड ?

Edited By Anil dev,Updated: 11 May, 2018 01:21 PM

karnataka elections congress bjp rajiv gandhi

12 मई को कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर एक चरण में मतदान होगा और 15 मई को ये तय हो जाएगा कि अगले 5 साल के लिए सत्ता की बागडोर कौन संभालेगा। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ऐढ़ी चोटी का जोर लगा रहे है। बात अगर कर्नाटक के सियासी ट्रेंड की करें तो...

नई दिल्ली: 12 मई को कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर एक चरण में मतदान होगा और 15 मई को ये तय हो जाएगा कि अगले 5 साल के लिए सत्ता की बागडोर कौन संभालेगा। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ऐढ़ी चोटी का जोर लगा रहे है। बात अगर कर्नाटक के सियासी ट्रेंड की करें तो यह काफी दिलचस्प है। इतिहास गवाह है कि  कर्नाटक  में हमेशा दिल्ली  के उलट हमेशा  विपरीत पार्टी का शासन रहा है। कम से कम 1972  से तो ऐसा ही होता आ रहा है।  1972 में पूरे देश में कर्नाटक ही एकमात्र ऐसा राज्य था जहां कांग्रेस जीती।  जब जनता पार्टी की सरकार बनी तब भी कर्नाटक  के सुर अलग थे और यहां कांग्रेस जीती थी।  जब देश की सियासत राजीव गांधी की लहर में बह रहा था तो कर्नाटक  में राम कृष्ण हेगड़े जनता पार्टी का राज चला रहे थे। 
PunjabKesari
सियासी पंडितों की है कर्नाटक के नतीजों पर खास नजर 
 जब दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो कर्नाटक में इस एम् कृष्णा को जनादेश मिला था।  जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए तब भी यह क्रम यथावत रहा।  2013 के विधानसभा चुनाव में जनता ने राज्य में कांग्रेस को 224  में से 122  सीटें जीतवाकर जबरदस्त जनादेश दिया।  लेकिन एक साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 17 पर जीत दर्ज की।  यानी दिल्ली के राजपाट के लिए  दूसरे दल को अधिमान दिया गया। ऐसे में सियासी पंडितों की इस बार कर्नाटक के नतीजों पर खास नजर है। देखना यह है कि क्या कर्नाटक की जनता अबके इस ट्रेंड को बदलती है या फिर सिद्धारमैया फिर से  जनता का आशीर्वाद हासिल करने में कामयाब रहते हैं।
PunjabKesari
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!