कर्नाटक चुनाव: मायावती के एक फोन से BJP में मच गया हड़कंप

Edited By Anil dev,Updated: 16 May, 2018 11:52 AM

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम आ गए हैं। इस चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। भाजपा को जहां 104 सीटें मिली हैं, वहीं कांग्रेस को 78 सीटों से संतोष करना पड़ा है। जेडीएस इस चुनाव में किंग बनकर उभरी है। हालांकि उसे सिर्फ 37...

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम आ गए हैं। इस चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। भाजपा को जहां 104 सीटें मिली हैं, वहीं कांग्रेस को 78 सीटों से संतोष करना पड़ा है। जेडीएस इस चुनाव में किंग बनकर उभरी है। हालांकि उसे सिर्फ 37 सीटें ही मिली हैं। एक सीट मायावती की बसपा को गई है, जबकि दो सीटें निर्दलीय ले गए हैं।  किसी राजनीतिक पार्टी को बहुमत न मिलने पर अकेले दम पर सरकार बनाना मुश्किल है। अब गेंद राज्यपाल के पाले में है।

मायावती ने किया था फोन
वहीं सूत्रों के मुताबिक मायावती ने ही सोनिया और जेडीएस के मुखिया एचडी देवगौड़ा से बात दोनों को एक साथ आने का सुझाव दिया था। बसपा के आंतरिक सूत्रों की मानें तो मायावती ने पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से मिलने को कहा था।  इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने भी सोनिया गांधी को जेडीएस से हाथ मिलाने को कहा। इसके बाद मायावती ने जेडीएस के देवगौड़ा से बात की और उन्हें कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए मनाया। इसके बाद सोनिया को भी फोन करके मायावती ने बात कर जेडीएस के साथ के लिए मनाया। 

कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा, राज्यपाल की भूमिका होगी अहम
कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर उभरकर सामने आई है। इस बीच कर्नाटक में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार वी एस येदिरुप्पा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैंं। उधर जेडीएस अध्यक्ष कुमारस्वामी राजभवन के लिए रवाना हो चुके हैं। कुमारस्वामी भी सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। रुझानों में कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के पास 104 सीटे, कांग्रेस 77 और जेडीएस 38 सीटें हैं। जेडीएस को कांग्रेस का समर्थन भी प्राप्त है। चुनावी रुझानों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आती दिख रही है, लेकिन वह बहुमत के लिए 112 के जादुई आंकड़े से पीछे है। ऐसे में अगली सरकार के गठन में राज्यपाल की भूमिका काफी अहम हो जाती है। परंपरा के मुताबिक राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। ऐसे में भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिलना तय है।

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