Edited By Anil dev,Updated: 19 May, 2018 05:32 PM
कर्नाटक के नए-नए सीएम बने येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार विश्वास मत की बाधा से पहले ही हार मान ली जिसके बाद पिछले कई दिनों से चला आ रहा सियासी ड्रामा आखिरकार समाप्त हो गया है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने आज सदन की कार्रवाई शुरू होते ही एक...
बेंगलुरू: मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किए बगैर ही आज इस्तीफा देने की घोषणा कर दी और इस तरह कर्नाटक में तीन दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार गिर गई। येदियुरप्पा ने आज सदन की कार्रवाई शुरू होते ही एक लंबा और भावुक भाषण दिया और इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उच्चतम न्यायालय ने कल आदेश दिया था कि येदियुरप्पा सरकार आज शाम चार बजे राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें। हालांकि राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को अपना बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था।
इस दौरान येदियुरप्पा ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक उनकी सांस चलेगी वह कर्नाटक के हितों के लिए काम करते रहेंगे। अगला विधानसभा चुनाव पांच साल के बाद हो या उससे पहले भी हो सकते हैं और उन्हें भरोसा है कि वह उसमें बहुमत के साथ जीतकर आएंगे। उन्होंने कहा, ''इस अधिवेशन के बाद मैं राज्य में सभी जगह जाकर पूरा हाल बताऊंगा। मैं जनता का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने इस बार के चुनाव में इतनी बड़ी संख्या में हमें जिताया।'' इससे पहले आज सुबह विधानसभा का सत्र शुरू होने पर अस्थाई अध्यक्ष के जी बोपैया ने नव निर्वाचित विधायकों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई।
विधानसभा की 224 सीटों में 222 सीट के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को 78 तथा जनता दल(एस) को 37 सीटें और उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली है। एक सीट निर्दलीय को तथा एक अन्य पार्टी को मिली है। बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों की जरूरत थी लेकिन येदियुरप्पा बहुमत जुटाने मे असफल रहे और उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी।
कर्नाटक में राजनीतिक संकट से संबंधित घटनाक्रम
- 15 मई : निर्वाचन आयोग ने चुनाव परिणामों की घोषणा की। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीट मिलीं जिन्होंने चुनाव बाद गठबंधन कर लिया। भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन दोनों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
- 16 मई : कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और बीएस येदियुरप्पा से अगले दिन शपथ लेने को कहा।
- 16-17 मई : उच्चतम न्यायालय ने आधी रात में तत्काल सुनवाई के लिए अपने द्वार खोले।
- 17 मई : तड़के दो बजकर ग्यारह मिनट पर सुनवाई शुरू हुई और सुबह पांच बजकर 28 मिनट पर खत्म हुई। न्यायालय ने शपथग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार किया। येदियुरप्पा ने सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
- 18 मई : उच्चतम न्यायालय ने 19 मई की शाम चार बजे शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया। कांग्रेस - जेडीएस गठबंधन देर रात उच्चतम न्यायालय पहुंचा और शक्ति परीक्षण के लिए भाजपा विधायक केजी बोपैया को विधानसभा का अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह मुद्दे पर 19 मई को सुनवाई करेगा।
- 19 मई : न्यायालय ने विश्वास मत में पारर्दिशता सुनिश्चित करने के लिए शक्ति परीक्षण का सीधा प्रसारण किए जाने का आदेश दिया।
- शाम चार बजे : येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘मैं विश्वास मत का सामना नहीं करूंगा , मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।’’