Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2018 08:21 PM
कर्नाटक में शुक्रवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब एक मंत्री ने बयान दिया कि वह यहां स्थित हज भवन का नाम बदलकर मैसूर के 18 वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे।अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री बी जेड ...
बेंगलुरू : कर्नाटक में शुक्रवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब एक मंत्री ने बयान दिया कि वह यहां स्थित हज भवन का नाम बदलकर मैसूर के 18 वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे।अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान के बयान की भाजपा ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह प्रस्ताव के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी।
खान ने कहा कि हज समिति की हालिया समीक्षा बैठक के दौरान , अधिकारियों ने उनसे कहा कि हज यात्रियों की सुविधा वाले हज भवन के नाम को बदलने के लिए कई आग्रह आए हैं। उन्होंने कहा , ‘मैंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के साथ (इस पर) चर्चा करूंगा और फिर देखते हैं ’ भाजपा ने हज भवन का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह पूरे मुस्लिम समाज की इमारत है , केवल टीपू के समर्थकों की नहीं।
पिछली कांग्रेस सरकार के समय टीपू जयंती समारोह का विरोध करने वाली भाजपा ने यह भी दावा किया कि बी एस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार ने भवन के लिए नई इमारत के निर्माण हेतु कोष दिया था। खान ने कहा कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने नई इमारत का उद्घाटन किया था तो धार्मिक नेताओं और अन्य ने इसका नाम ‘हजरत टीपू सुल्तान हज घर’ करने की मांग की थी। हज भवन पर मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद शोभा करदंलाजे ने कहा कि इसका नाम किसी भी कीमत पर टीपू के नाम पर नहीं रखा जाना चाहिए और अगर ऐसा किया जाता है तो पूरे राज्य में इसका ‘ कड़ा विरोध ’ होगा।