लोकसभा की 129 सीटों पर प्रभाव डालेंगे कर्नाटक के नतीजे

Edited By Naresh Kumar,Updated: 16 May, 2018 10:21 AM

karnataka results will have effect on 129 seats in lok sabha

मंगलवार को आए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव के दौरान दक्षिण भारत के 5 राज्यों की 129 सीटों पर प्रभाव डालेंगे। पिछले चुनाव के दौरान भाजपा इन 5 राज्यों की 129 सीटों में से मात्र 21 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी।...

जालंधर(नरेश): मंगलवार को आए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव के दौरान दक्षिण भारत के 5 राज्यों की 129 सीटों पर प्रभाव डालेंगे। पिछले चुनाव के दौरान भाजपा इन 5 राज्यों की 129 सीटों में से मात्र 21 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। पार्टी ने कर्नाटक में 17, तमिलनाडु में 1 और संयुक्त आंध्र प्रदेश में 3 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस को इन 5 राज्यों में 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पार्टी कर्नाटक में 9, केरल में 8 और आंध्र प्रदेश में 2 सीटों पर चुनाव जीती थी लेकिन 2014 के बाद पिछले 4 साल में दक्षिण भारत के राजनीतिक हालातों में काफी परिवर्तन आया है और भाजपा को दक्षिण में संभावनाएं नजर आने लगी हैं।

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  • तमिलनाडु     39
  • कर्नाटक        28
  • केरल           20
  • आंध्र प्रदेश    25
  • तेलंगाना      17   

    जयललिता की मृत्यु के बाद बदली तमिलनाडु की राजनीति

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु के बाद तमिलनाडु की राजनीति में काफी बदलाव आया है। पिछले चुनाव में जयललिता की पार्टी ए.आई.ए.डी.एम.के. ने राज्य की 39 में से 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन उनकी मृत्यु के बाद तमिलनाडु के सियासी समीकरण बदले हैं और भाजपा तमिलनाडु की राजनीति में दखल बढ़ाने की कोशिश कर रही है, हालांकि अभी तक उसके तमाम दाव असफल साबित हुए हैं लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी पता है कि दक्षिण में पैर जमाए बिना 2019 की डगर आसान नहीं है। उत्तर भारत के राज्यों में भाजपा के लिए 2014 का प्रदर्शन दोहराना मुश्किल लग रहा है, लिहाजा इन राज्यों में होने वाले नुक्सान की भरपाई भाजपा दक्षिण भारत से ही करना चाहेगी।
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कांग्रेस को गठजोड़ बनाने की दिशा में करना होगा काम
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर यह है कि उसका वोट बैंक कायम है। पार्टी को करीब 38 फीसदी वोट हासिल हुए हैं जो पिछले चुनाव में हासिल हुए 36.59 फीसदी वोट के मुकाबले करीब 1.41 फीसदी वोट ज्यादा हैं। हालांकि पार्टी के वोट सीटों में परिवर्तित नहीं हो सके और पार्टी 78 सीटों पर ही सिमटती हुई नजर आ रही है लेकिन दक्षिण कांग्रेस का पुराना गढ़ रहा है और देश के इसी हिस्से से कांग्रेस को संजीवनी मिलती आई है। कांग्रेस यदि दक्षिण के पांचों राज्यों में गठजोड़ का काम सफलतापूर्वक कर लेती है तो लोकसभा चुनाव में उसे पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का अच्छा आधार रहा है लेकिन जगनमोहन रैड्डी द्वारा अलग पार्टी बनाए जाने के बाद आंध्र और तेलंगाना की 42 सीटों पर पार्टी को नुक्सान हुआ है लेकिन 2014 के बाद अब प्रदेश के सियासी हालात बदले हैं और कांग्रेस इन राज्यों में तालमेल की तरफ  कदम बढ़ा सकती है।

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