Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 05:51 PM
राजपूत करणी सेना ने ऐलान किया कि 25 जनवरी को राजस्थान में संजय लीला भंसाली की फिल्म ''पद्मावत'' को किसी भी सूरत में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। अगर कोई सिनेमाघर फिल्म को प्रदर्शित करता है तो वह...
जयपुर: राजपूत करणी सेना ने ऐलान किया कि 25 जनवरी को राजस्थान में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को किसी भी सूरत में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। अगर कोई सिनेमाघर फिल्म को प्रदर्शित करता है तो वह उसकी जिम्मेदारी होगी। राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय संयोजक लोकेन्द्र सिंह कालवी और प्रदेश अध्यक्ष महीपाल सिंह मकराना ने आज प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राजपूत समाज की भावनाएं आहत हुई है। इसके विरोध में 24 जनवरी को प्रदेशव्यापी पूरे समाज के लोगों के साथ सर्व समाज के लोग भी सड़क पर उतरेंगे।
सैनिकों से की बहिष्कार करने की अपील
करणी सेना ने कहा कि महिलाएं भी फिल्म के विरोध में जौहर की याद ताजा कराने के लिए अपने नाम का पंजीकरण करवा रही है जिसमें कल शाम तक 1908 महिलाएं अपना नाम लिखा चुकी है। मकराना ने देश के सैनिकों से अपील की कि वे जिस तरह सीमा पर देश की रक्षा करते हैं उसी तरह राजपूत समाज की महिलाओं की इज्जत की रक्षा के लिए एक दिन मैस का बहिष्कार करें। उन्होंने राजपूत सैनिकों के साथ जाट और सिख रेजीमेंट के जवानों से भी यही अपील की है। कालवी ने कहा कि जयपुर साहित्य उत्सव में आ रहे फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का राजस्थान की धरती पर विरोध किया जाएगा क्योंकि उन्होंने राजपूत समाज की भावनाओं को दरकिनार कर फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दी है इसलिए इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा।
संजय लीला भंसाली के पत्र की जलाई होली
मकराना ने चेतावनी देते हुए कहा कि राजस्थान का स्वागत वाक्य पधारो म्हारे देश जोशी के लिए नहीं है, वे यहां आएं तो अपनी जोखिम पर आएं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से है कि वे फिल्म सेंसर से पास होने के बाद भी सिनेमेटोग्राफी एक्ट के प्रावधानों के तहत पूरे देश में फिल्म पर रोक लगाएं। प्रेस कान्फ्रेंस मेंकालवी ने संजय लीला भंसाली की ओर से करणी सेना के पदाधिकारियों को फिल्म देखने के प्रस्ताव का पत्र भी दिखाया और इसे महज नाटक बताते हुए पत्र की होली जलाई।