20 सेकेंड में गिरी 4 मंजिला इमारत, लोग समझे भूकंप आया है...

Edited By Anil dev,Updated: 28 Feb, 2019 11:15 AM

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करोल बाग में बुधवार सुबह 30 साल पुरानी चार मंजिला इमारत महज 20 सेकंेड में भरभराकर ढह गई। गनीमत यह रही कि हादसे में कोई हताहत नही हुआ। हालांकि कंट्रोल रूम पर दो दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना ने पुलिस-प्रशासन के होश उड़ा दिए थे।

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): करोल बाग में बुधवार सुबह 30 साल पुरानी चार मंजिला इमारत महज 20 सेकंेड में भरभराकर ढह गई। गनीमत यह रही कि हादसे में कोई हताहत नही हुआ। हालांकि कंट्रोल रूम पर दो दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना ने पुलिस-प्रशासन के होश उड़ा दिए थे। इमारत को डेंजर जोन में रखा गया था। बावजूद इसके यहां पर करीब आठ दुकानें खुली हुई थी। हादसे की जानकारी मिलते ही सबसे पहले लोकल पुलिस पहुंची। उसके कुछ देर बाद एनडीआरएफ की टीम और दमकल विभाग से 5 गाडिय़ां घटनास्थल पर पहुंच गईं। आसपास के लोगों और लोकल पुलिस ने राहत बचाव कार्य शुरू किया। बाद में खोजी कुत्तों की मदद से देर शाम तक मलबे को हटाने का काम जारी रहा।

 

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इमारत भरभराकर सड़क की ओर जमींदोज हो गई
हादसा मकान नंबर-6346, गली नंबर-1, ब्लॉक-7, देव नगर में हुआ। यहां तीन साइड के 82 गज के प्लॉट पर ग्राउंड फ्लोर पर नीचे आठ दुकानें बनी हुई थी। ऊपरी पहली और तीसरी-चौथी मंजिल पर चेयरमैन नाम से शर्ट बनाने की फैक्टरी थी, जबकि दूसरी मंजिल पर बुटीक था। सभी दुकानों और फ्लोर के मालिक अलग-अलग थे। ग्राउंड पर पान की दुकान चलाने वाले चौरसिया पान भंडार के मालिक ने बताया कि सुबह करीब 6:00 बजे उसने शॉप खोली थी। अचानक करीब 8.25 बजे इमारत खिसकने की आवाज सुनी। तुरंत वह शॉप से बाहर आ गया, जबकि बाकी सभी सातों दुकान बंद थीं। शोर-शराब के बीच कुछ लोगों ने सड़क पर खड़ी अपनी गाडिय़ां भी हटा ली। तभी थोड़ी देर बाद इमारत भरभराकर सड़क की ओर जमींदोज हो गई। बिल्डिंग गिरते ही चारों ओर धूल का गुबार उठने लगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से जर्जर हुई इमारत एक ओर झुक गई थी, उसमें एक ओर दरार भी आई हुई थी। पड़ोसियों ने एमसीडी को शिकायत भी दी थी। सूत्रों का कहना है कि एमसीडी ने इमारत के मालिकों को नोटिस भी दिया हुआ था। 

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लोग समझे भूकंप आया है...
8:40 बजे पुलिस व दमकल विभाग को सूचना दी गई। खबर मिलते ही बचाव दल मौके पर पहुंच गया। बिल्डिंग गिरने से पूर्व हुई आवाज के कारण लोगों ने सावधानी बरती और हादसे में जान का नुकसान नहीं हुआ। देर शाम तक एमसीडी की दो जेसीबी इमारत का मलबा हटाने में लगी थी। इमारत के कोने में एक पेड़ था। जैसे ही भरभराकर गिरी, बिल्डिंग का अधिकांश हिस्सा पेड़ समेत कुछ फुट की दूरी पर बिजली के पोल पर जा गिरा। पूरे इलाके की बत्ती गुल हो गई। लोगों ने समझा कि भूकंप आया है। लोगों ने पुलिस और दमकल विभाग को कॉल कर खुद ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस टीम ने पहुंचकर आसपास के एरिया को कवर करके मलबे को हटवाना शुरू किया। घटनास्थल पर चीख-पुकार मची थी, जबकि मौके पर दिल्ली फायर सर्विस, पुलिस और आपदा प्रबंधन के सदस्य बचाव कार्य में जुटे थे। कैट्स की एंबुलेंस के जरिए 8 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। शुरुआती जांच में मालूम चला कि पिछले साल 16 अगस्त को डेंजर लिस्ट में डाला था। 6 महीने पहले एमसीडी की टीम ने विजिट करके नोटिस भी दिया था। पुलिस ने फिलहाल लापरवाही का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की दी है। 

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इमारत में था 10 इंच का गैप
पड़ोसी सुनील ने बताया कि पिछले तीन-चार साल से इमारत सड़क की ओर झुक रही थी। बिल्डिंग व बराबर वाली इमारत के बीच करीब आठ से 10 इंच का गैप आ गया था। चश्मदीद वीरेंद्र ने बताया कि सुबह करीब 8:00 बजे अचानक बिल्डिंग गिरी तो वह बाल-बाल बच गए। जबकि बाहर खड़ी होंडा सिटी,आई10 और सेंट्रो कार मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे से पूर्व कुछ दुकान नहीं खुली हुई थी,यदि दुकानें खुली होती तो शायद बड़ा हादसा हो सकता था। क्योंकि रोजाना इन दुकानों में शॉपिंग करने के लिए करीब 100-150 लोग आते है। हालांकि अन्य चश्मदीदों ने बताया कि लिंटर हिलने पर वह बल्ली लगाने अंदर घुसे थे तो पूरी इमारत गिर गई थी। 

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