करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब को भारत में ही होना चाहिए था: हरदीप सिंह पुरी

Edited By Pardeep,Updated: 30 Sep, 2019 11:48 PM

kartarpur sahib and nankana sahib should have been in india hardeep singh puri

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के जीवन से जुड़े गुरुद्वारे ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब को भारत विभाजन के समय भारत में शामिल किया जाना चाहिए था। भाजपा में बड़ा सिख चेहरा माने जाने वाले पुरी ने...

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के जीवन से जुड़े गुरुद्वारे ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब को भारत विभाजन के समय भारत में शामिल किया जाना चाहिए था। भाजपा में बड़ा सिख चेहरा माने जाने वाले पुरी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 में जब सीमा रेखा तय हुई तो उस समय जो भी इस प्रक्रिया में शामिल थे उन्हें अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि गुरु नानक देव से जुड़े सभी गुरुद्वारे भारत में ही रहें।

उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ हम गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मना रहे हैं और आप अगर गुरु नानक साहिब से जुड़े गुरुद्वारे देखें तो उनके जीवन से जुड़ा गुरुद्वारा-ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब पाकिस्तान में हैं। मैं सोचता हूं कि किसी ने तो किसी वक्त अपने दिमाग का इस्तेमाल किया होता...इन सभी गुरुद्वारों को सीमा के इस तरह होना चाहिए था।''

केंद्रीय मंत्री का यह बयान ठीक उस दिन आया है जब पाकिस्तान ने कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करतारपुर गलियारा के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करेगा। सूत्रों के मुताबिक ऐसी संभावना है कि सिंह इस आमंत्रण को स्वीकार न करें। गुरु नानक पर एक किताब के विमोचन के दौरान पुरी ने कहा कि वह यह बयान कुछ हासिल करने के लिए नहीं दे रहे हैं बल्कि पीड़ा के साथ दे रहे हैं।

 

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