Edited By Monika Jamwal,Updated: 05 Mar, 2019 11:46 AM
केंद्र सरकार द्वारा जमात-ए-इस्लामी पर लगाए गए प्रतिबंध और अनुच्छेद 35ए को कानूनी चुनौती देने के विरोध में कश्मीर घाटी में आज बंद का पालन किया जा रहा है।
श्रीनगर : केंद्र सरकार द्वारा जमात-ए-इस्लामी पर लगाए गए प्रतिबंध और अनुच्छेद 35ए को कानूनी चुनौती देने के विरोध में कश्मीर घाटी में आज बंद का पालन किया जा रहा है। बंद का आहवान विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने मंगलवार को किया था और लोगों से इसे सफल बनाने का अनुरोध भी किया। आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध व अलगाववादी आंदोलन को आगे बढ़ाने के आरोप में भारत सरकार ने बीते गुरुवार को जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है, जिसके चलते इसके लगभग 550 नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। इस संगठन के जम्मू कश्मीर में चल रहे कार्यालयों, मदरसों व स्कूलों को सील कर दिया गया है।
इसके कई नेता व कार्यकर्ता गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामले पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों अधिनियम के तहत इस पर प्रतिबंध लगाने वाली अधिसूचना जारी की गई है। कश्मीर आर्थिक गठबंधन (के.ई.ए.) के चेयरमैन हाजी मोहम्मद यासीन खान ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी न सिर्फ धार्मिक संस्थान बल्कि एक सामाजकि संस्थान है जो लोगो के कल्याण के लिए बेहतरीन काम कर रही है। हमें इस संस्थान की सेवा को नहीं भूलना चाहिए जो इसने किया, चाहे 2005 के भूंकप या 2014 की बाढ़ हो, जमात ने हर जरुरतमंद की मदद की।
खान ने कहा कि अनुच्छेद को रद्द किए जाने से सबसे ज्यादा प्रभाव जम्मू और लद्दाख क्षेत्र पर पड़ेगा। हम किसी को भी अपनी पहचान हटाने नहीं देंगे।