Edited By vasudha,Updated: 08 Aug, 2019 10:41 AM
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुछेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया है। इसी के साथ जल्द ही राज्य के आधिकारिक ध्वज को भी स्थायी रूप से हटा दिया जाएगा। खबरों के अनुसार, श्रीनगर में सिविल सचिवालय भवन पर तिरंगे के साथ...
जम्मू: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुछेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया है। इसी के साथ जल्द ही राज्य के आधिकारिक ध्वज को भी स्थायी रूप से हटा दिया जाएगा। खबरों के अनुसार, श्रीनगर में सिविल सचिवालय भवन पर तिरंगे के साथ आधिकारिक राजकीय ध्वज अभी भी फहराया जाता है। राज्य का ध्वज गहरा लाल रंग का है, जिसपर तीन सफेद खड़ी पट्टियां और एक सफेद हल चित्रित हैं। ध्वज का लाल रंग 13 जुलाई, 1931 के कश्मीर आंदोलन के रक्तपात को दर्शाता है, ध्वज की तीन पट्टियां राज्य के तीन अलग-अलग खंडों, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को दर्शाती हैं, तो वहीं हल कृषि के महत्व को दर्शाता है।
जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपने अलग झंडे को फहराने की अनुमति दी गई थी। संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने संबंधी संकल्प को मंजूरी दी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह मंगलवार को अपने सरकारी वाहन से राज्य के ध्वज को हटाने वाले संवैधानिक पद पर बैठे पहले व्यक्ति बने। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के राजकीय ध्वज को हटाने के संबंध में एक अधिसूचना जारी होने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषक राजीव पंडित का कहना है कि परमिट प्रणाली को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री और सदर-ए-रियासत पद को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पद में तब्दील कर दिया गया, लेकिन संविधान और ध्वज कायम रहा।
आर्थिक विकास के लिए मिलेंगे 1 लाख करोड़
अनुच्छेद 370 के 2 खंडों को खत्म करने के बाद अब सरकार केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के पैकेज देने की तैयारी कर रही है। इस बारे में जल्दी ही घोषणा की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसकी घोषणा कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की हालत बदतर है और सरकार का मानना है कि अनुच्छेद 370 की वजह से उसका विकास नहीं हो पाया। पैकेज का लक्ष्य यह होगा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मुख्य भारत के साथ ज्यादा से ज्यादा एकीकृत किया जा सके। इसके पहले मोदी ने 2015 में कश्मीर के विकास के लिए एक एजेंडा घोषित किया था, तब 80,068 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया था, लेकिन इसका दो-तिहाई हिस्सा अभी तक खर्च नहीं हो पाया है। मोदी सरकार कश्मीर को स्विट्जरलैंड जैसा बनाने की सोच रखती है। इसके लिए कश्मीर के पर्यटन, बागवानी, रेशम पालन, फूड प्रोसेसिंग आदि सेक्टर की संभावनाओं का दोहन किया जाएगा।
सचिवालय पर नजर आए दो झंडे
बुधवार को जम्मू स्थित राज्य सचिवालय की एक वीडियो क्लिप में इमारत पर 2 झंडे लगे नजर आए। इमारत पर जम्मू-कश्मीर का झंडा और तिरंगा साथ लहराते नजर आए, जिसके बाद इसकी एक क्लिप भी सोशल साइट्स पर शेयर की गई। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के झंडे को इमारत से हटा दिया जाएगा और अब से यहां पर तिरंगा फहराने की व्यवस्था की जाएगी।