Edited By Yaspal,Updated: 08 Jun, 2018 12:26 PM
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कश्मीर के बारे में 1 साहसिक पहल के लिए मजबूत जनादेश है लेकिन केंद्र में राजग शासनकाल के चार साल बर्बाद हो गए और इस दौरान ‘‘ कोई सफलता ’’ हासिल नहीं...
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कश्मीर के बारे में 1 साहसिक पहल के लिए मजबूत जनादेश है लेकिन केंद्र में राजग शासनकाल के चार साल बर्बाद हो गए और इस दौरान ‘‘ कोई सफलता ’’ हासिल नहीं हो सकी।
नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर उत्तरी कश्मीर के बारामूला में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कार्य करने के लिए संसद में एक मजबूत जनादेश है। कश्मीर पर साहसिक पहल करने के लिए उनके पास शक्ति है और पिछले प्रधानमंत्रियों के विपरीत उनके सामने वैसी बाधाएं नहीं हैं। दुर्भाग्य से चार साल बर्बाद हो गए हैं और कोई सफलता हासिल नहीं हो सकी।’’ केंद्र द्वारा घोषित एकतरफा संघर्षविराम का स्वागत करते हुए उन्होंने घाटी में जमीनी वास्तविकताओं पर गौर करते हुए पहल किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राज्य के सभी पक्षों के साथ बातचीत की केंद्र की पेशकश का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि इसमें स्पष्टता होनी चाहिए ताकि आगे के कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कान्फ्रेंस के साथ बातचीत की पेशकश पर अस्पष्टता और भ्रम है। विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों ने पेशकश को अलग-अलग तरीकों से चित्रित किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (जितेंद्र सिंह) ने कहा है कि कश्मीर में आतंकवाद अपने आखिरी चरण में है जबकि कई साक्ष्य हैं जो संकेत देते हैं कि हम नए सिरे से आतंकवाद की खतरनाक स्थिति में हैं।