Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 May, 2019 05:58 PM
आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर के त्राल क्षेत्र में 13 वर्षीय एक बच्ची ने एक उपन्यास लिखा है, जो एक सपनों के देश कि कहानी है, जहां सभी इंसानों की जगह बिल्लियों ने ले ली है।
श्रीनगर : आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर के त्राल क्षेत्र में 13 वर्षीय एक बच्ची ने एक उपन्यास लिखा हैए जो एक सपनों के देश कि कहानी है, जहां सभी इंसानों की जगह बिल्लियों ने ले ली है। तौयिबा बिनती जावेद के पहले उपन्यास ‘लूना स्पार्क एंड द फ्यूचर टेलिंग क्लॉक’ का प्रकाशन जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने किया है। इसके प्रकाशन के बाद से बाल लेखिका की खुशी का ठिकाना नहीं है। तौयिबा श्रीनगर के डी.पी.एस. अथवाजन स्कूल की सातवीं की छात्रा है।
तौयिबा ने कहा कि सांस्कृतिक अकादमी ने मेरी किताब का प्रकाशन किया है। यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण है कि मेरा पहला उपन्यास प्रकाशित हो गया है। कई बार विश्वास नहीं होता जिस तरह मेरी किताब मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। उपन्यास पर बात करते हुए तौयिबा ने कहा कि यह पूरी तरह काल्पनिक है जो बच्चों के लिए है। उन्होंने कहा कि इसमें इंसानों की जगह बिल्लियां हैं। वह बिल्लियों का देश है, जिसमें में भी एक बिल्ली हूं। मेरा नाम लूना स्पार्क है और मैं, अपने दोस्तों के साथ एक काल्पनिक भूमि में एक रोमांचक साहसिक कार्य करती हूं जिसे सपनों का देश कहा जाता है।
तौयिबा के पिता डॉक्टर जावेद अहमद एक डेंटल सर्जन हैं और अपनी बेटी की उपलब्धि से काफी खुश एवं गौरवान्वित हैं। उन्होंने बताया कि उसे 10 वर्ष की आयु से लिखने का शौक है। उसने शुरू में कविताएं और कहानियां लिखनी शुरू कीं जिसे वह अपने दोस्तों को दिखाते थे, जिसे वे काफी पसंद भी करते थे।