Edited By Yaspal,Updated: 03 Jan, 2019 06:42 PM
राज्यसभा में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर बहस हुई। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भाजपा के साढे़ चार साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ने का आरोप लगाया...
नेशनल डेस्कः राज्यसभा में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर बहस हुई। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भाजपा के साढे़ चार साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ने का आरोप लगाया तो वहीं बीजेपी की ओर से अरुण जेटली ने कांग्रेस पर पलटवार किया।
कांग्रेस ने किए वादे, देश ने चुकाई कीमत
आजाद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने समेत कई राज्यों में तोड़पोड़ कर सरकार बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चाल साल में अलगाववाद की भावना बढ़ी है। वहीं जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अलग अस्तिव की परिकल्पना की गई थी। लेकिन कांग्रेस के 70 साल के कार्यकाल में यह अलगाववाद की ओर से मुड़ने लगा। कांग्रेस ने वादे तो कर दिए। लेकिन पूरे देश को इसकी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में तो आ गई, लेकिन अपना इतिहास भूलती चली गई। कश्मीर की समस्या कांग्रेस की गलत नीतियों का नतीजा है। इसके लिए कांग्रेस को कभी मुक्ति नहीं मिलेगी।
हर मोर्चे पर विफल रही एनडीए सरकार
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम रह चुके गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में भाजाप ने सत्ता के लिए गठबंधन कर सरकार तो बना ली, लेकिन जब हर मोर्चे पर विफल होने लगे तो सरकार गिरा दी। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ। सबसे ज्यादा आम नागरिक मारे गए। उन्होंने बीजेपी को इतिहास से सबक लेने तक की नसीहत दे डाली।
कश्मीर मुद्दे पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सही या फिर पंडित नेहरू
आजाद के आरोपों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शासनकाल का कांग्रेस गोल्डन पीरियड साबित करना चाह रही है, उसी समय ने कश्मीर के युवाओं को हथियार में तब्दील कर दिया। पत्थरबाजियां उसी वक्त शुरू हुई और युवा अमन की राह से भटकने लगे। उन्होंने कहा कि इतिहास जब फैसला करेगा कि जम्मू-कश्मीर पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का दृष्टिकोण सही था या पंडित जवाहरलाल नेहरू का, तो आपको बहुत तकलीफ होगी। उन्होंने कहा कि अब समय कश्मीर के भविष्य पर बात करने की है।