यौन शोषण के मामले में कश्मीर के मौलवी भी पीछे नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Sep, 2017 12:41 PM

kashmiri maulvi is not behind in sexual exploitation

कश्मीर घाटी में कई मौलवी एवं स्वयंभू पीर भी गुरमीत राम रहीम, आसा राम जैसे कथित बाबाओं की राह पर चल ....

श्रीनगर(मजीद): कश्मीर घाटी में कई मौलवी एवं स्वयंभू पीर भी गुरमीत राम रहीम, आसा राम जैसे कथित बाबाओं की राह पर चल निकले हैं और घाटी में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इन कथित मौलवियों एवं पीरों ने मजहबी तालीम की आड़ में बच्चियों का यौन शोषण किया है।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान ‘इस्लाम की तालीम’ देने के नाम पर यौनाचार करने की करतूतों ने इंसानियत और जन्नत के नाम से विख्यात खूबसूरत कश्मीर घाटी को शर्मसार किया है। इन मामलों में लड़कियों के अलावा लड़कों से भी कुकर्म होने का खुलासा हुआ है। हाल ही में ‘बुरी नजर’ उतारने के नाम पर नाबालिग लड़कों से कुकर्म करने के आरोप में कथित मौलवी एजाज शेख के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे खुलासा हुआ कि देश में केवल महिलाएं ही शारीरिक उत्पीडऩ का शिकार नहीं होतीं, बल्कि पुरुष भी कुकर्म का शिकार होते हैं।

यह मामला बारामूला जिले में सोपोर कस्बे के बोमाई इलाके का है जहां पर मौलवी एजाज शेख पर आरोप लगा है कि वह जिन्न की नजर लगने और बुराई से बचाने के बहाने लड़कों के साथ कुकर्म किया करता था। कश्मीर पुलिस ने आरोपी मौलवी एजाज शेख के खिलाफ  केस दर्ज किया है। मौलवी शादीशुदा है और 3 बच्चों का पिता भी है। 

हालांकि, शेख और उसके परिजनों का कहना है कि उन्हें गलत केस में फंसाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने पीड़ित के परिवार को उधार में पैसा दिया था, जिसे वह वापस नहीं दे रहा है। आरोपी मौलवी शेख के भाई ने कहा कि उसका भाई धार्मिक व्यक्ति है और उसे फंसाया जा रहा है। उसके भाई के अनुयायी हर रविवार उनके घर पर दुआएं लेने के लिए आते थे। इसी बीच, आरोपी मौलवी एजाज शेख ने भी खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया कि वह जिन्न से बचने के लिए लोगों को केवल एक ताबीज देता था और इसके अलावा कोई दवाई नहीं देता था।

14 साल से कम आयु के लड़कों से ही बात करता था मौलवी
मौलवी एजाज शेख पर आरोप लगा है कि वह जिन्न को खुद के काबू में करने की बात कहता था और केवल 14 साल से कम आयु के लड़कों से ही बात करता था। वह बच्चों से बहुत ही अश्लील बातें करता था। मौलवी के खिलाफ  केस दर्ज करवाने वाले पीड़ित बच्चों एवं उनके परिजनों ने कहा कि उन्होंने इससे पहले केस इसलिए दर्ज नहीं करवाया था, क्योंकि छोटे होने के कारण बच्चे सहमे हुए थे। 

गुलजार का सेवादार लाता था लड़कियों को बहला-फुसला कर
एक अन्य लड़की ने कथित पीर की करतूतों का पर्दाफाश करते हुए कहा कि गुलजार का सेवादार नूर मोहम्मद उसे बहला-फुसला कर संस्थान में लाया। एक दिन नूर ने उसे गुलजार के कमरे ‘हुजरा-ए-पाक’ में जाने को कहा। जैसे ही वह कमरे में दाखिल हुई तो मौलवी गुलजार ने कमरा बंद करने को कहा। इसके बाद गुलजार ने उसकी आंखों में देखा और कहने लगा, ‘‘मैं तुम्हें जहां-जहां हाथ लगाऊंगा, तुम्हारे शरीर का वह अंग दोजख में भी नहीं जलेगा। मैं नूर हूं और तुम आग हो। जब नूर आग से मिलेगा तो पूरा नूर बन जाएगा।’’ फिर पीर गुलजार डरावनी आंखों से उसे घूरने लगा और वह बेहोश होने लगी। इसके बाद उसकी आंखें खुलीं तो सब कुछ लुट चुका था। 

उपनिदेशक ने लड़कियों को ‘शुद्ध’ करने के नाम पर किया यौन शोषण
उपनिदेशक लड़कियों को ‘शुद्ध’ करने के नाम पर उनका यौन शोषण किया करता था। उसने इस काम में संस्था की शिक्षिकाओं को भी लगाया हुआ था। वे लड़कियों को गुलजार को ‘खुश’ करने के लिए प्रेरित करती थीं। पुलिस ने संस्था की पुरानी युवतियों को नाम गुप्त रखने का आश्वासन देते हुए उनके यौन उत्पीडऩ की पुरानी घटनाओं के संबंध में बयान दर्ज किए थे। 

मौलवी ने बेटी को भी नहीं बख्शा
मध्य कश्मीर के गंदरबल जिले में एक फर्जी मौलवी को गिरफ्तार किया गया है। फर्जी मौलवी पर उसकी किशोरी बेटी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। यह घटना 4 सितम्बर की है। आरोपी ने दुष्कर्म से पहले अपनी बेटी का अपहरण किया था। चिकित्सा जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

इन घटनाओं पर क्या कहते हैं मौलवी साहिबान
इन घिनौनी घटनाओं पर मौलवी बिलाल अहमद ने कहा कि इस तरह के लोग समाज पर कलंक हैं और इनको चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए। एक अन्य मौलवी एम.ए. गनाई ने कहा कि ऐसे लोग धर्म के ही नहीं, बल्कि इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन हैं। हमारी घाटी को सूफियों की कर्मस्थली माना जाता है, ऐसे में इस तरह के लोग इसी छवि को खराब कर रहे हैं। हमारा बस चले तो हम इन जैसे लोगों को बीच सड़क पर पत्थर मार-मारकर मार डालते। 

2013 में मुस्लिम उपनिदेशक आया था काबू
वर्ष 2013 में कश्मीर के बडग़ाम में कथित मुस्लिम उपनिदेशक गुलजार अहमद भट्ट उर्फ गुलजार पीर को 4 नाबालिग युवतियों से दुष्कर्म और यौन उत्पीडऩ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया मुस्लिम उपदेशक गुलजार अहमद भट्ट बडग़ाम में मजहबी तालीम के नाम पर एक शिक्षण संस्थान चलाता था। चारों पीड़ित छात्राएं भट्ट के ही संस्थान में पढ़ाई कर रही थीं। उनकी संयुक्त शिकायत पर भट्ट को हिरासत में लिया गया। 

मामला तब सामने आया, जब उसके संस्थान में पढऩे वाले एक युवक ने उसे एक लड़की के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा। इसके बाद बडग़ाम की स्थानीय अदालत में 4 पीड़ित लड़कियों ने उसकी करतूत की पूरी कहानी बताई। एक पीड़ित युवती का आरोप है कि संस्थान में आने वाली हर नई लड़की को संस्थान की शिक्षिका शकीला बानो की देख-रेख में रखा जाता था। उसने बताया कि जब उसने गुलजार के मजहबी केंद्र में दाखिला लिया तो शकीला उसे गुलजार के कमरे में ले गई और कहा कि अगर मुसीबतों से छुटकारा पाना चाहती हो तो ‘पीर साहिब’ की दिल से सेवा करो।

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